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महाराष्ट्र चुनाव: उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बीजेपी-कांग्रेस समेत सभी दलों में 'बगावत' की गूंज

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 4, 2019 07:53 IST

Maharashtra Assembly Polls 2019: विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की घोषणा होने के साथ ही पार्टियों में बगावत की गूंज सुनाई देने लगी है, असंतुष्टों को मनाने का प्रयास जारी

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ठळक मुद्देविधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही पार्टियो में बगावती तेवरसभी पार्टियां हैं बगावत करने वाले नेताओं से मराने, कर रही उन्हें मनाने का प्रयास

नागपुर। 

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा-शिवसेना गठबंधन और कांग्रेस-राकांपा आघाडी ने सीट बंटवारे के गणित को सुलझा लिया है। सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। कई विधानसभा क्षेत्रों में टिकट नहीं मिल पाने के कारण इच्छुक नेताओं में घोर निराशा है। स्थिति यह है कि टिकट कट जाने के कारण बगावत के स्वर गूंजने लगे हैं। सभी पार्टियों के वरिष्ठ नेता असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कवायद में जुटे हैं लेकिन निर्वाचन प्रक्रिया के तहत नाम वापस लेने की अंतिम तारीख के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी कि कितने नेताओं ने अपनी पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंका है।

यवतमाल में शिवसैनिक नाराज

यवतमाल जिले में भाजपा के समान ताकत रखनेवाली शिवसेना के हिस्से में केवल एक सीट आई है। इस बात को लेकर शिवसैनिकों के बीच काफी नाराजगी है। जिले की सात विधानसभा सीटों में से दिग्रस और पुसद को छोड़कर शिवसेना ने उमरखेड़ और वणी सीट पर दावेदारी की थी। शिवसेना ने उमरखेड सीट के लिए अपनी तैयारी भी आरंभ कर दी थी. लेकिन यह सीट भाजपा के खाते में चली जाने से शिवसैनिक नाराज हैं।

वणी के पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर, उपजिला प्रमुख सुनील कातकड़े, आशीष खुलसंगे, उमरखेड के विश्वनाथ विणकरे, यवतमाल के संतोष ढवले, नगरसेवक गजानन इंगोले पार्टी से बगावत करने को तैयार बैठे हैं। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार को टिकट दिया गया है, इस वजह से राकांपा के इच्छुक डॉ.लोढ़ा ने बगावत कर वंचित बहुजन आघाड़ी का थामन थाम लिया है। भाजपा के आर्णी से विवादित विधायक राजू तोडसाम का टिकट कट जाने से वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

गोंदिया भाजपा में बगावत

गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक गोपालदास अग्रवाल ने दो दिनों पूर्व भाजपा में प्रवेश किया है। भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है. वह शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं। इस कारण से भाजपा के कई निष्ठावान कार्यकर्ता दुखी हैं। भाजपा के कार्यकर्ता पिछले दस वर्षो से यहां पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। यहां से पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद अग्रवाल भाजपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब वह भी पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

बीड जिले में भी नेताओं में नाराजगी

बीड जिले के माजलगांव और गेवराई विधानसभा क्षेत्रों में बगावत होने की आशंका है। गेवराई सीट बंटवारे के तहत भाजपा के खाते में चली गई है. इसको लेकर शिवसेना के इच्छुक पर्व राज्यमंत्री बादामराव पंडित नाराज हैं। माजलगांव के भाजपा के विधायक आर.टी.देशमुख का टिकट काटकर रमेश आडसकर को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। देशमुख पार्टी से बगावत करने की राह पर हैं। वहीं भाजपा के नाराज नेता मोहन जगताप बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। गेवराई में भाजपा के विधायक लक्ष्मण पवार को पार्टी ने पुन: टिकट दिया है इस वजह से नाराज बदामराव पंडित ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है।

पश्चिम विदर्भ में भी गुस्से में नेता

अकोला:विधानसभा चुनाव के लिए युति और आघाड़ी के उम्मीदवारों के नाम घोषित होने के बाद पश्चिम विदर्भ की 15 सीटों में बगावत के स्वर गूंज रहे हैं. अकोला की बालापुर सीट से शिवसेना के प्रत्याशी की टिकट फाइनल होने के बाद शिवसंग्राम के नेता बगावत पर उतर आए हैं. युति के सहयोगी दल शिवसंग्राम के संदीप पाटिल ने चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. जबकि इस सीट से वंचित आघाडी ने वर्तमान विधायक बलीराम सिरस्कार का टिकट काट दिया है और उन्होंने नाराज होकर बतौर निर्दलीय अपना पर्चा दाखिल कर दिया है. अगर वह अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो वंचित में बड़ी बगावत हो सकती है.पार्टी का टिकट नहीं तो निर्दलीय..

नासिक पश्चिम सीट से भाजपा की विधायक सीमा हिरे को टिकट मिलने के कारण शिवसेना के नगरसेवक विलास शिंदे बगावत पर उतर आए हैं। शिवसेना के अन्य नगरसेवक दिलीप दातीर ने भी पार्टी से बगावत कर मनसे से चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। वहीं भाजपा के नगरसेवक दिनकर पाटिल ने अपने समर्थकों के साथ टिकट को लेकर विरोध प्रदर्शन कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

- देवलाली विधानसभा क्षेत्र शिवसेना के लिए छोड़ दिया गया है इस वजह से भाजपा के नाराज नगरसेवक सरोज अहिरे ने पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इगतपुरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में आईं निर्मला गावित को टिकट मिलने से पूर्व विधायक काशीनाथ मेंगाल ने अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जताई है। नांदगांव सीट शिवसेना के खाते में जाने के कारण यहां की भाजपा नेता मनीषा पवार ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। 

टॅग्स :महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसविधानसभा चुनावAssembly Elections
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