लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और राकांपा को कम से कम 10 सीटों पर झटका देने वाली प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (मोर्चा) ने फिर एक बार अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. उसने कहा है कि वह अपने बूते राज्य विधानसभा की 288 सीटें लड़ने की तैयारी कर चुकी है. वह 40 सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं. उसने यह ऑफर मंजूर होने पर 10 दिनों में सूचित करने का अल्टीमेटम दिया है .
वंचित बहुजन आघाड़ी के महासचिव गोपीचंद पडलकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस को 40 सीटें स्वीकार हैं या नहीं, इस बारे में 10 दिनों के भीतर बताना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से हमारे समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है. अशोक चव्हाण की ओर से की जानेवाली ऑफर की जानकारी हमें अखबारों के जरिए मिली है. यदि कांग्रेस को सचमुच हमारे साथ गठजोड़ करना है, तो उसे 10 दिनों के भीतर बताना होगा.
पडलकर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को कौनसी 40 सीटें चाहिए, इस बारे में उसे बताना होगा. उन्होंने कहा कि हमें लोकसभा चुनाव में ज्यादा वोट मिले हैं, इसलिए हम तय करेंगे कि कांग्रेस को कितनी सीटें दी जाएं. ऐसे में कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे कौनसी सीटें चाहिए? उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस ने अब तक उस आरोप का खुलासा नहीं किया है जिसमें उसने कहा था की वंचित बहुजन आघाड़ी भाजपा की 'बी' टीम है.
पडलकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के राज्य के नेताओं ने राहुल गांधी और प्रकाश आंबेडकर की मुलाकात नहीं होने दी. उन्होंने दावा किया कि जिन्हें कांग्रेस या भाजपा से टिकट नहीं मिलेगा, वे हमारे संपर्क में हैं. इस संवाददाता सम्मेलन में प्रकाश आंबेडकर मौजूद नहीं थे. पडलकर के अलावा एड. अन्नाराव पाटिल, वर्किंग कमेटी के सदस्य एड. अंजारिया और डॉ. अरुण सावंत मौजूद थे. नहीं बनेगी बात वंचित बहुजन आघाड़ी के नेताओं के तेवर देखकर यह अंदाजा लग जाता है कि वह कांग्रेस के साथ गठजोड़ करना नहीं चाहती.
कांग्रेस किसी भी सूरत में 40 सीटें स्वीकार नहीं करेगी. अत: यह साफ हो जाता है कि बात नहीं बन पाएगी, क्योंकि गठजोड़ के लिए बातचीत इस तरीके से नहीं की जाती है. हालांकि राहुल गांधी को भी बता दिया गया है कि वंचित बहुजन आघाड़ी से गठजोड़ करना लाभकारी सिद्ध होगा. इसी बात का फायदा आघाड़ी वाले उठाना चाहते हैं.