महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल बुधवार को यहां भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कल ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री गणेश नाइक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। दोनों नेता मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को बुधवार को एक और झटका लगा। नवी मुंबई में पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री गणेश नाइक करीब 50 पार्षदों के साथ भाजपा में शामिल हो गए।
नाइक ने नवीं मुंबई से सटे वाशी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में नवीं मुंबई महानगरपालिका के 50 पार्षदों समेत औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए। नाइक पूर्व सांसद संजीव के बेटे हैं। वरिष्ठ नेता के भाजपा में शामिल होने से नवीं मुंबई महानगरपालिका पर भगवा दल के कब्जा का रास्ता बन गया है।
नाइक ने अपने सियासी जीवन की शुरुआत शिवसेना के साथ की थी, लेकिन वह बाल ठाकरे के साथ मतभेदों के चलते 1999 में राकांपा में शामिल हो गए थे। राकांपा का गठन उसी साल हुआ था। अगड़ी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नाइक ने 2014 का विधानसभा चुनाव बेलापुर से लड़ा था लेकिन भाजपा के मंडा महात्रे से हार गए थे।
नाइक के छोटे बेटे 31 जुलाई को भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही अटकले लगाई जा रही थी कि वह शरद पवार की अध्यक्षता वाली राकांपा को छोड़ सकते हैं। इससे पहले,राकांपा के मुंबई इकाई के प्रमुख सचिन अहीर और विधायक जयदत्त क्षीरसागर और पांडुरंग बरोरा शिवसेना में शामिल हो गए थे। राज्य मे विधानसभा चुनाव कुछ महीनों मे होने हैं।
पाटिल (56) दक्षिण मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पिछले पांच साल से पाटिल के भाजपा में शामिल होने का इंतजार कर रहे थे। फड़नवीस ने संकेत दिया कि पाटिल इंदापुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। यह सीट पुणे जिले में पड़ती है।
पाटिल के जाने से राज्य में कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका लगा है। इससे पहले राधाकृष्ण विखे पाटिल लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़ भगवा दल में शामिल हो गए थे और फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए थे। पाटिल पुणे जिले की इंदापुर सीट से चार बार विधायक रहे हैं, लेकिन वह 2014 का विधानसभा चुनाव राकांपा के दत्तात्रेय भरणे से करीबी अंतर से हार गए थे।
कांग्रेस और राकांपा ने पिछला चुनाव अलग-अलग लड़ा था। पाटिल ने बारामती लोकसभा सीट पर राकांपा की सांसद सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनका समर्थन किया था। उन्हें उम्मीद थी कि इसके बदले में शरद पवार नीत पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में इंदापुर सीट कांग्रेस के लिए छोड़ देगी।
बहरहाल, राकांपा नेता अजित पवार ने बाद में कहा कि इंदापुर सीट पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। बुधवार को जब पाटिल ने भाजपा का दामन थामा, उस वक्त उनके साथ उनकी बेटी अंकिता और बेटे राजवर्धन भी थे। अंकिता पुणे जिला परिषद की सदस्य हैं। वह 1995 में निर्दलीय चुनाव जीते थे और 1995-99 के दौरान शिवसेना-भाजपा की गठबंधन सरकार में कृषि राज्य मंत्री थे।
उन्होंने अगले दो चुनाव भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर जीते, लेकिन इस बार कांग्रेस-राकांपा की गठबंधन सरकारों का समर्थन किया। वह कांग्रेस में 2009 में शामिल हो गए और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस दौरान वह मंत्री रहे। भाजपा में शामिल होने के बाद पाटिल ने राकांपा नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा कि शरद पवार के गढ़ बारामती से सटे उनके पूर्व निर्वाचन क्षेत्र ने अन्याय का सामना किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि आप (फड़नवीस) अन्याय के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ देंगे।’’
उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने दोस्तों और दुश्मनों को चुन सकता है लेकिन पड़ोसियों को नहीं। हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे कुछ मसले हैं जिन्हें हल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इंदापुर तहसील में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के दखल की मांग की। कांग्रेस को मंगलवार को भी झटका लगा था जब अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मांतोडकर और मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।