कमल शर्मा-
फ्लैशबैक: कांग्रेस के लिए बुरे सपने की भांति साबित हुए. जिले की सभी सीट पर क कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. नागपुर जिले में पार्टी साफ हो गई.
उमरेड से वसंतराव इटकेलवार जीते. कांग्रेस के राजेंद्र मुलक (आज ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यमंत्री) के खाते में 21089 वोट आए. कलमेश्वर में रमेश बंग ने राकांपा की टिकट पर पुन: जीत दर्ज की.
काटोल में पिछला चुनाव निर्दलीय के रूप में जीते अनिल देशमुख ने इस बार राकांपा का दामन थामक र जीत दर्ज की. सावनेर में राकांपा की टिकट पर लड़े निवर्तमान विधायक सुनील के दार को हार का सामना क रना पड़ा. देवराव आसोले ने 42180 वोट लेक र भाजपा को यहां से पहली बार जीत दिलाई.
पश्चिम में फडनवीस का आगमन
भाजपा ने इस बार उम्मीदवार बदलते हुए देवेंद्र फडणवीस (तब सबसे कम उम्र के महापौर और आज के मुख्यमंत्री) को मौका दिया. फडनवीस ने अपने पहले ही चुनाव में 94853 वोटों के साथ जीत दर्ज की. दक्षिण नागपुर से पिछले चुनाव निर्वतमान विधायक के रूप में हारने वाले अशोक धवड़ को इस बार कांग्रेस ने पश्चिम से उम्मीदवारी दी. लेकिन वे 85766 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. राकांपा ने रत्नकला बलराज पर विश्वास जताया लेकिन, वे 3980 वोटों के आगे नहीं बढ़ सकीं. बसपा के विजय कवाड़े 3318 और राजद के गणोश फुलसुंगे की गाड़ी 638 वोटों पर ही थम गई. श्रमिक नेता, भाकपा के मोहन शर्मा 1891 और अनंतराव घारड (नासुप्र के बाद में ट्रस्टी) 2762 वोटों के आगे नहीं पहुंच सके.
विधायकों को लगा करारा झटका
99 के चुनाव ने जिले के कई पूर्व विधायकों को तगड़ा झटका दिया. उत्तर नागपुर में भोला बढ़ेल और उपेंद्र शेंडे निर्दलीय उम्मीदवार के रू प में क्र मश: 3313 और 2612 वोट ही ले सके . मध्य नागपुर में भी यशवंत बाजीराव के वल 1361 वोट पर सिमट गए. दक्षिण नागपुर के विधायक अशोक धवड़ को निर्वाचन क्षेत्र बदलना रास नहीं आया. पश्चिम नागपुर में उन्हें हार का सामना क रना पड़ा. कामठी में यादवराव भोयर और देवराव रड़के को भी हार का सामना क रना पड़ा. उमरेड में जीत की हैट्रिक लगा चुके श्रवण पराते को इस बार जनता ने पसंद नहीं कि या. जबकि सावनेर में जनता ने सुनील के दार को घर बैठा दिया.
कामठी में रिपा सुलेखा कुंभारे ने 45350 वोट के साथ इस सीट पर रिपा का परचम लहरा दिया. भाजपा के मनोहर आकरे ने 40094 वोट लेकर उन्हें टक्कर दी. निवर्तमान विधायक देवराव रड़के पुन: निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे. दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके यादवराव भोयर राकांपा की टिकट पर 18088 वोट पर रुक गए.