महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: शिवसेना के सहारे चुनावी नैया पार लगाने बीजेपी नेता मदन येरावार हैं बेकरार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2019 08:57 IST2019-09-01T08:56:08+5:302019-09-01T08:57:05+5:30
शिवसेना ने भी यहां से अपना दावा भले ही किया हो पर पालकमंत्री होने से येरावार की टिकट काटने अथवा उसमें बदलाव करने या यह क्षेत्र शिवसेना को दिए जाने की संभावना न के बराबर है. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी मदन येरावार ही रहेंगे.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: शिवसेना के सहारे चुनावी नैया पार लगाने बीजेपी नेता मदन येरावार हैं बेकरार
जिले के मुख्यालय व पालकमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वाले यवतमाल में प्रतिष्ठा की लड़ाई होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. भाजपा नेता, ऊर्जा राज्यमंत्री और जिले के पालकमंत्री मदन येरावार का निर्वाचन क्षेत्र यवतमाल है.
2014 के चुनाव में शिवसेना ने उन्हें तगड़ी टक्कर दी थी. पर मदन येरावार केवल डेढ़ हजार वोटों से चुनाव जीते थे. उस समय भाजपा एवं शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. अब गठबंधन होने की संभावना है.
शिवसेना ने भी यहां से अपना दावा भले ही किया हो पर पालकमंत्री होने से येरावार की टिकट काटने अथवा उसमें बदलाव करने या यह क्षेत्र शिवसेना को दिए जाने की संभावना न के बराबर है. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी मदन येरावार ही रहेंगे.
यह भी माना जा रहा है कि शिवसेना गठबंधन होने पर शिवसेना के सहयोग से येरावार को विधानसभा में जीत हासिल करना मुश्किल नहीं होगा. किंतु शहर में विकास कामों में विलंब होने के कारण उनके प्रति जनता में नाराजगी का माहौल है. बेंबला का पानी लाने को लेकर दो बार उन्होंने जो समय दिया वह पूर्ण नहीं हो पाया. जबकि अब इसके लिए ‘तारीख पर तारीख’ दी जा रही है इसलिए नागरिकों मे बेंबला के पानी को लेकर विश्वास ही नहीं रहा है.
शहर में भूमिगत गटर योजना के काम जारी हैं जिसके लिए सड़कों पर तोड़फोड़ करने के बाद उनकी मरम्मत नहीं की गई है. बारिश के दिनों में लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी कई बातें हैं जिनका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है.
पालकमंत्री येरावार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा सक्षम उम्मीदवार की तलाश की जा रही है. जो नाम सामने आए हैं उनमें बालासाहब मांगुलकर, सिंकदर शाह और प्रवीण देशमुख मुख्य हैं. कांग्रेस की स्क्रुटनी समिति की मिटिंग में इन तीन नामों पर चर्चा होने वाली है अब यवतमाल के लिए किसे प्रत्याशी बनाया जाता है यह तो समय ही बताएगा पर येरावार को जो आर्थिक रूप से फाइट दे सके ऐसे नाम पर सहमति हो सकती है.
येरावार के खिलाफ राकांपा से भी उम्मीदवार को लड़ाने को लेकर तथा यवतमाल क्षेत्र राकांपा के लिए मांगने को लेकर चर्चा हुई. गत विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे तारीक लोखंडवाला का नाम भी राकांपा की ओर से चला , पर भाजपा द्वारा किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. वंचित आघाड़ी, बसपा का उम्मीदवार भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
गत मई माह में हुए लोकसभा चुनाव में यवतमाल विधानसभा क्षेत्र ने शिवसेना की प्रत्याशी को 37 हजार वोटों की लीड दी थी. पर इसमें हमारे ही प्रयास अधिक होने की बात शिवसेना के गुट की ओर से कही जा रही है. माना जा रहा है कि दोनों का गठबंधन होने पर इतने वोटों की बढ़त भाजपा को मिलेगी.
वैसे देखा जाए तो विधानसभा के 2014 के चुनाव में शिवसेना प्रत्याशी को 50 हजार से अधिक मिले वोटों के बल पर उन्होंने अपना अधिकार यवतमाल पर जताया है पर पालकमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर शिवसेना के नेता अनुत्तरित हैं.