धनंजय वाखारे
एक समय था जब निर्दलियों की मदद से सरकारें चला करती थीं. 2009 के चुनाव में विजय हासिल करके 24 निर्दलीय नेता विधानसभा पहुंचे थे. 2014 के चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद 7 निर्दलीय नेताओं ने अपना विजय पताका पहराया था.
2009 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को 70 लाख से अधिक मत मिले थे. वहीं 2014 के चुनाव में यह मत प्रतिशत काफी नीचे आ गया और निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से में 24 लाख 93 हजार मत आए. पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि 2004 के चुनाव में 1083 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था. इनमें से 19 विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. 1002 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. इस चुनाव में निर्दलीयों को 58 लाख 77 हजार 454 मत मिले थे. इनका मत प्रतिशत 14.05 रहा.
वर्ष 2009 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में और इजाफा हुआ. इस बार 1820 निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव समर में उतरे. इनमें से 24 उम्मीदवार विधायक बने, वहीं 1747 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इस चुनाव में निर्दलीय नेताओं को 70 लाख 23 हजार 817 मत मिले. मतों का प्रतिशत 15.50 रहा. यह मत प्रतिशत उस चुनाव में भाजपा को मिले 14.02 प्रतिशत से अधिक था.
वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर के कारण न केवल कांग्रेस, राकांपा, मनसे आदि की स्थिति दयनीय हो गई बल्कि निर्दलीय उम्मीदवारों को भी ‘जोर का झटका’ लगा. पिछले चुनाव में 1699 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जिनमें से केवल 7 निर्दलीय ही विधानसभा तक पहुंचने में कामयाब हो पाए. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को जहां 70 लाख से अधिक मत मिले वहीं वर्ष 2014 के चुनाव में इसकी संख्या 24 लाख 93 हजार 192 रही. 2014 में निर्दलीयों का मत प्रतिशत भी महज 4.71 प्रतिशत रहा.
मोदी लहर के कारण निर्दलीयों की सियासी जमीन खिसक गई. इनमें से बहुत कम ऐसे थे जो इस लहर में भी ‘तर’ गए. चुनाव जीतने के बाद इन निर्दलीय विधायकों ने सत्ता पक्ष के साथ सामंजस्य बिठाकर रखा. चुनाव पूर्व सव्रेक्षण के अनुसार होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में युति के अच्छे वोट हासिल करने की संभावना है वहीं विपक्षी दल अपने नेताओं के पार्टी छोड़कर कर जाने के सदमे से नहीं उबर पा रहे हैं.
दलों पर भारी इनका जनाधार
शिवसेना-भाजपा सरकार के कार्यकाल में 7 निर्दलीय विधायकों में अमलनेर से शिरीष चौधरी, बडनेर से रवि राणा, अचलपुर से बच्चू कडू, पाथरी से मोहन फड़, कल्याण पूर्व से गणपत गायकवाड़, भोसरी से महेश लांडगे और अहमदपुर से विनायराव जाधव-पाटिल सम्मिलत हैं. अचलपुर के विक्रम प्रहार संगठन के बच्चू कडू बतौर निर्दलीय विधायक लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे.