कांग्रेस की परंपराओं को इस नेता ने किया दरकिनार तो पार्टी में दिखी नाराजगी, इस्तीफे के साथ कुर्सियां भी ले गए
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 10, 2019 08:31 AM2019-04-10T08:31:44+5:302019-04-10T08:31:44+5:30
कांग्रेस आलाकमान की ओर से घोषित प्रत्याशियों की सूची में अपनी उम्मीदों के मुताबिक नाम न मिलने पर मुंह फुलाकर बैठे पार्टी से त्याग-पत्र दे चुके विधायक सत्तार ने लगातार सीमाओं को लांघने का सिलसिला जारी रखा. पहले वह आधी रात को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने पहुंच गए तो सोमवार को अपने असंतोष का कारण गिनाते रहे.
लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे से असंतुष्ट विधायक अब्दुल सत्तार ने कांग्रेस की परंपराओं को दरकिनार करते हुए पार्टी कार्यालय गांधी भवन से कुर्सियां उठाने तक में गुरेज नहीं किया. उनकी हरकत से जहां कांग्रेस में नाराजगी देखी गई, वहीं कुर्सियों के अभाव में पार्टी की बैठक को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में आयोजित करना पड़ा.
कांग्रेस आलाकमान की ओर से घोषित प्रत्याशियों की सूची में अपनी उम्मीदों के मुताबिक नाम न मिलने पर मुंह फुलाकर बैठे पार्टी से त्याग-पत्र दे चुके विधायक सत्तार ने लगातार सीमाओं को लांघने का सिलसिला जारी रखा. पहले वह आधी रात को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने पहुंच गए तो सोमवार को अपने असंतोष का कारण गिनाते रहे. हद तो मंगलवार को हुई जब वह पार्टी कार्यालय गांधी भवन से कुर्सियों को यह कह कर ले गए कि जिन्हें पार्टी ने उम्मीदवार चुना है, वह कार्यालय में कुर्सियां लाएंगे.
हालांकि सत्तार की यह हरकत पार्टी में किसी को पसंद नहीं आयी, मगर किसी ने ज्यादा मुंह नहीं खोला और उसे उनकी जरूरत बताकर खत्म करने का प्रयास किया. मगर इन सबके चलते कांग्रेस की गांधी भवन में होने वाली बैठक को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में स्थानांतरित करनी पड़ी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अनेक अध्यक्ष आते हैं, जाते हैं लेकिन आज तक कोई कुर्सियां नहीं लेकर गया.
यह विचित्र स्थिति सत्तार के कार्यकाल में ही देखने को मिली. सूत्रों का कहना है कि पार्टी में सत्तार की 29 तारीख के सम्मेलन का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद सही प्रतिक्रिया सामने आने की उम्मीद है. इस बीच, कांग्रेस के किसान मोर्चे की कुछ कुर्सियों को उपलब्ध कराकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया गया. साथ ही कार्यकर्ताओं से कुर्सियां उपलब्ध कराने का आह्वान भी किया गया.