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महाराष्ट्र के 28 जिलों में कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की दर 10 से भी कम, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया इस वजहों से लगातार बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 5, 2020 07:00 IST

महाराष्ट्र में कोविड-19 के संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 8,63,062 हो गई है. राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 25,964 हो गई. महाराष्ट्र में 6,25,773 मरीज कोरोना से ठीक हो चुके है। एक्टिव केसों की संख्या 2,10,978 है.

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में कोविड-19 के 4 सितंबर को एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 19,218 नये मामले सामने आए थे और 378 लोगों की मौत हुई थी। महाराष्ट्र में सबसे अधिक मुंबई, पुणे और नागपुर में लोग कोरोना संक्रमित हैं। 

मुंबई: राज्य सरकार का आदेश है कि कोविड-19 का एक संक्रमित पाए जाने के बाद उसके संपर्क में आए कम से कम 20 लोगों की (कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग) जांच तत्काल की जानी चाहिए. इसके बावजूद राज्य के 35 जिलों में से 28 जिलों में यह संख्या 10 से भी कम है. राज्य भर में यह संख्या केवल 8.2 है. नागपुर और बीड़ इन दो जिलों में ही एक संक्रमित के संपर्क में आए 20 से अधिक लोगों की जांच की जा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी का प्रमाण बढ़ने का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है. लेकिन, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य मशीनरी इस ओर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं हैं. उनसे काम कराने वाले वरिष्ठ अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं. फिर वे अपने से नीचे के स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों कैसे सवाल कर सकते हैं?

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने किए कड़ी नाराजगी व्यक्त

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. प्रदीप व्यास की कार्यप्रणाली को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से व्यास की जहग किसी दूसरे अधिकारी को यह जिम्मा सौंपने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि यह बार-बार साबित हो चुका है कि 'हाई रिस्क' वाले लोगों की जांच तत्परता से की गई तो उसका फायदा मिलता है. संक्रमितों की संख्या नियंत्रित होती है. अन्यथा ऐसे संक्रमित अन्य लोगों को भी संक्रमित करते हैं. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि वहां के लोग बीमार पड़ने के चार-पांच दिन बाद अस्पताल आते हैं.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा-  ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग जागरूक नहीं

ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारी को झेलने और छिपाने का प्रमाण अधिक है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्या हो रहा है, यह कोई नहीं देखता. मरीज की हालत गंभीर हो गई कि लोग बड़े अस्पताल की ओर भागते हैं. परिणाम स्वरूप मरीजों की मृत्यु की दर बढ़ रही है. पुणे इतना बड़ा जिला है.

पूरे जिले का दबाव ससून अस्पताल पर है. अब जंबो हॉस्पिटल शुरू हुआ है, लेकिन उसमें सारी सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बार-बार कहने के बावजूद मास्क नहीं लगाते, सुरक्षित दूरी नहीं रखते. इसलिए स्थिति बिगड़ती जा रही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग जागरूक नहीं हैं. जालना में एक सरपंच ने वोटों के लिए अपनी बीमारी छिपाई. हम ट्रेसिंग बढ़ा रहे हैं. संक्रमितों की संख्या ज्यादा सामने आ रही है. बिना लक्षण वाले संक्रमितों का प्रमाण ज्यादा है.

 

 

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