Baba Siddique Resign: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस को लगा झटका, पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने दिया इस्तीफा
By अंजली चौहान | Published: February 8, 2024 11:09 AM2024-02-08T11:09:50+5:302024-02-08T11:23:34+5:30
Baba Siddique Resign: महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में लोकसभा चुनाव होने वाले है।
Baba Siddique Resign: महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और कांग्रेस के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। सिद्दीकी ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, "मैं एक युवा किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है। आज मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।"
I joined the Indian National Congress party as a young teenager and it has been a significant journey lasting 48 years. Today I resign from the primary membership of the Indian National Congress Party @INCIndia with immediate effect. There’s a lot I would have liked to express…
— Baba Siddique (@BabaSiddique) February 8, 2024
बाबा सिद्दीकी ने कहा, "बहुत कुछ है जो मैं कहना, करना चाहता हूं, लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कुछ चीजें अनकही रहना बेहतर है। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं।"
गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे। उन्होंने खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी काम किया था और पहले नगर निगम पार्षद के रूप में भी काम किया था। लगातार दो कार्यकालों के लिए (1992-1997)। वह वर्तमान में मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
मालूम हो कि बाबा सिद्दीकी से पहले कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से इसकी जानकारी साझा की थी। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने एकनाथ शिंदे की शिवसेना का हाथ थाम लिया।