मध्य प्रदेश में पटवारी और सरकार सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. राजस्व मंत्री गोविंद सिंह द्वारा सुबह पटवारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा कर उन्हें मनाते हुए हड़ताल समाप्त करने की घोषणा करा दी थी, मगर शाम होते-होते उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के बयान से फिर पटवारी नाराज हो गए और हड़ताल यथावत रखने का फैसला किया.
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के बयान के बाद हड़ताल पर गए पटवारियों ने चार दिन बाद रविवार को सुबह अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. राजस्व मंत्री गोविंद सिंह ने पटवारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा कर पटवारियों को मना लिया था. सुबह खुद पटवारियों का कहना है कि प्रदेश में किसानों की स्थिति काफी खराब है. किसान फसल खराब होने से परेशान हैं. ऐसे में हमें सर्वे करना है. इसके चलते हड़ताल स्थगित कर दी गई है. वहीं पटवारियों की हड़ताल स्थगित करने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने आज फिर इंदौर में बयान दिया कि उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी है, बल्कि वे अपने कथन पर यथावत हैं. इसके बाद शाम होते-होते पटवारी संघ के पदाधिकारी भी सक्रिय हुए और उन्होंने हड़ताल यथावत रखने का फैसला लिया.
पटवारी संघ के प्रदेश महामंत्री धमेन्द्र शर्मा ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी द्वारा दिए बयान से प्रदेश के पटवारी फिर से आहत हुए हैं. हमने सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ के आश्वासन के बाद राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत से चर्चा कर किसानों के हित में हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया था, मगर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी हमें (पटवारियों को) जलील करने से नहीं चूक रहे हैं. इसके चलते संघ ने फिर से हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के पटवारियों को भ्रष्ट बताने वाले बयान को लेकर पटवारी हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन पटवारियों ने हड़ताल के बीच में सरकार से वेतन भी बढ़ाने की मांग कर दी क्योंकि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि सरकार में आने पर पटवारियों का वेतन बढ़ाया जाएगा. 10 महीने बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. आज सुबह जब राजस्व मंत्री से पटवारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा हुई थी तब राजस्व मंत्री ने कहा था कि पटवारियों को वचन पत्र की मांग को पूरा करने का आश्वासन हमने दिया है. उन्होंने कहा था कि हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पटवारियों के वेतन संबंधी मांग 6 माह के अंदर पूरी हो जाए.