MP Ki Taja Khabar: इंदौर में 21 अबोध बच्चों ने कोरोना वायरस की दी मात, 15 दिन चला इलाज

By भाषा | Published: May 10, 2020 05:48 PM2020-05-10T17:48:29+5:302020-05-10T17:48:29+5:30

मध्य प्रदेश में 20 दिन की एक बच्ची समेत दो साल से कम उम्र वाले 21 अबोध बच्चों ने कोरोना वायरस को माद दे दी। 15 दिन के इलाज के बाद छुट्टी दी गयी है। इलाज के बाद लगातार दो जांचों में वे कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त पाये गये थे।

in Indore 21 children fight with coronavirus 15 days treatment | MP Ki Taja Khabar: इंदौर में 21 अबोध बच्चों ने कोरोना वायरस की दी मात, 15 दिन चला इलाज

इंदौर में 21 अबोध बच्चों ने कोरोना वायरस को हराया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsइंदौर जिले में 20 दिन की एक बच्ची समेत दो साल से कम उम्र वाले 21 अबोध बच्चों ने इलाज के बाद कोविड-19 को मात दे दी है। इलाज के दौरान भी इन बच्चों की माताएं ममता का आंचल फैलाकर हरमुमकिन तरीके से उनकी देखभाल करती रहीं।

इंदौर: ‘रेड जोन’ में शामिल इंदौर जिले में 20 दिन की एक बच्ची समेत दो साल से कम उम्र वाले 21 अबोध बच्चों ने इलाज के बाद कोविड-19 को मात दे दी है। स्थानीय अस्पतालों में इलाज के दौरान भी इन बच्चों की माताएं ममता का आंचल फैलाकर हरमुमकिन तरीके से उनकी देखभाल करती रहीं। शहर के चोइथराम अस्पताल की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि शाद ने रविवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया कि पिछले 15 दिन के दौरान उनके अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड से 20 दिन की बच्ची, दो माह के लड़के और डेढ़ साल के लड़के को छुट्टी दी गयी है।

इलाज के बाद लगातार दो जांचों में वे कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त पाये गये थे। उन्होंने बताया, "कोविड-19 से उबरी 20 दिन की लड़की को अस्पताल से शनिवार को छुट्टी दी गयी। उसे एक मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।" शाद ने बताया कि 20 दिन की लड़की अपने एक नजदीकी रिश्तेदार से संक्रमित हुई थी। लेकिन हैरत की बात यह है कि देखभाल के लिये हमेशा उसके साथ रहने वाली उसकी मां जांच के दौरान कोविड-19 से संक्रमित नहीं पायी गयी। शहर के एक अन्य निजी अस्पताल श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया, "गुजरे डेढ़ महीने के दौरान हमारे अस्पताल में इलाज के बाद दो साल से कम उम्र के 18 बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

" उन्होंने बताया कि इनमें से आठ बच्चे छह महीने से कम उम्र के थे और आहार के लिये अपनी मां के दूध पर निर्भर थे। डोसी ने बताया, "मेरे लिये इतने छोटे बच्चों को कोविड-19 वॉर्ड में भर्ती देखना अलग ही अनुभव था। दवाओं के असर और अपनी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बूते ये बच्चे इस महामारी से जीत गये।" उन्होंने बताया, "संक्रमणमुक्त होने के बाद जब ये बच्चे अपनी प्रफुल्लित माताओं के साथ घर लौट रहे थे, तब एक डॉक्टर के तौर पर मुझे जो खुशी हुई, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।

" कोविड-19 से संक्रमित दुधमुंहे बच्चों का इलाज करने वाले दोनों डॉक्टरों ने बताया कि इनकी माताओं ने अस्पतालों में मास्क पहनकर और संक्रमण से बचाव के अन्य उपाय करते हुए अपनी संतानों को स्तनपान कराया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया कि संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पतालों के कोविड-19 वॉर्डों से छुट्टी के बाद माताओं और उनकी कम उम्र की संतानों को भी अन्य मरीजों की तरह 14 दिन तक अपने घर में अलग रहने की सलाह दी जा रही है। नियमित अंतराल में उनकी सेहत की जानकारी भी ली जा रही है।

इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ते-बढ़ते 1,858 पर पहुंच गयी है। इनमें से 89 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 891 मरीजों को इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। 

Web Title: in Indore 21 children fight with coronavirus 15 days treatment

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