भाजपा-कांग्रेस से चुनाव लड़े नौकरशाहों की अब परिणाम पर नजर, निर्णय सही था या गलत, 3 दिसंबर को पता चलेगा

By मुकेश मिश्रा | Published: November 29, 2023 03:01 PM2023-11-29T15:01:59+5:302023-11-29T15:03:51+5:30

भाजपा ने पांढुर्णा विधानसभा सीट पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उईके को मैदान में उतारा है। इसके अलावा जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सहायक अधीक्षक डॉक्टर विजय आनंद मरावी को भाजपा ने बिछिया सीट से प्रत्याशी बनाया था।

Bureaucrats who contested elections from BJP-Congress are now keeping an eye on results MP | भाजपा-कांग्रेस से चुनाव लड़े नौकरशाहों की अब परिणाम पर नजर, निर्णय सही था या गलत, 3 दिसंबर को पता चलेगा

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभाजपा ने पांढुर्णा विधानसभा सीट पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उईके को मैदान में उतारा हैकांग्रेस ने मनावर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को रतलाम ग्रामीण सीट से चुनावी मैदान में उतारासंयुक्त कलेक्टर रहे रमेश सिंह को अनूपपुर सीट से कांग्रेस ने चुनाव लड़ाया है

इंदौर: नौकरी छोड़ राजनीति में भाग्य आजमाने उतरे नौकरशाह अब मतगणना का इंतज़ार कर रहे है। उनकी नजरें परिणाम पर टिकी है, उन्हें जीत मिलती है या हार ३ तारीख को पता चलेगा, मगर इस बात का आकलन भी किया जा रहा है कि नौकरी छोड़ने का जो कदम उन्होंने उठाया वह सही था या गलत।

विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वैसे तो प्रदेश में पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार चुनाव में बड़ी संख्या में नौकरशाहों ने सक्रियता दिखाई थी। कुछ भाजपा से तो कुछ कांग्रेस से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। दर्जनभर सक्रिय इन नौकरशाहों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने दो-दो उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारा था। मजेदार बात यह है कि इन चारों ने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति की राह को चुना था। ये चार अधिकारी चुनाव तो लड़ लिए, अब उन्हें 3 तारीख को आने वाले चुनाव परिणाम की चिंता सता रही है। चारों अधिकारी  कार्यकर्ता की भांति दोनों ही दलों में सक्रिय नहीं रहे, इसके चलते उन्हें परिणाम की चिंता ज्यादा है।

भाजपा ने पांढुर्णा विधानसभा सीट पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उईके को मैदान में उतारा है। इसके अलावा जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सहायक अधीक्षक डॉक्टर विजय आनंद मरावी को भाजपा ने बिछिया सीट से प्रत्याशी बनाया था। मतदान के बाद दोनों ही सीटों पर भाजपा नेताओं के अलावा दोनों ही नौकरशाहों को अब परिणाम की चिंता हो रही है। इसी तरह कांग्रेस ने मनावर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को रतलाम ग्रामीण सीट से चुनावी मैदान में उतारा। इसके अलावा संयुक्त कलेक्टर रहे रमेश सिंह को अनूपपुर सीट से कांग्रेस ने चुनाव लड़ाया है। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने नौकरी से इस्तीफा तो दिया था, मगर कांग्रेस ने उन्हें एनवक्त पर टिकट नहीं दिया।

नौकरी छोड़कर या सेवानिवृत्त होने के बाद राजनीति में कदम रखने वाले नौकरशाहों में प्रदेश के तीन अधिकारी ही ऐसे रहे हैं, जो चुनाव जीते है। एक पुलिस अधिकारी तो मंत्री पद तक भी पहुंचे है। इनमें यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता गुमान सिंह डामोर है। डामोर को भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव झाबुआ से लड़ाया था, जिन्होंने कांग्रेस नेता विक्रांत भूरिया को हराया था। इसके बाद झाबुआ संसदीय सीट से डामोर को भाजपा ने लोकसभा का चुनाव लड़ाया और वे सांसद बने। इसी तरह प्रमुख सचिव रहे डॉ भागीरथ प्रसाद भी सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। भागीरथ प्रसाद ने पहले कांग्रेस फिर भाजपा की सदस्यता ली थी। इनके अलावा  आईपीएस अधिकारी रुस्तम सिंह को भी शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया था। इस बार विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है।

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