अर्द्धसैनिक बलों में अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में बदलाव, सीएपीएफ भर्ती परीक्षा का सिविल सेवा परीक्षा में किया जा सकता है विलय
By स्वाति सिंह | Published: February 10, 2020 10:10 AM2020-02-10T10:10:01+5:302020-02-10T10:10:01+5:30
पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को संगठित समूह ए सेवा (ओजीएएस) की श्रेणी प्रदान करने के मद्देनजर इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं।
केंद्र अर्द्धसैनिक बलों में प्रवेश स्तर पर अधिकारियों की भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से ली जाने वाली परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा में मिलाने पर विचार कर रही है। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन होता है।
इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को संगठित समूह ए सेवा (ओजीएएस) की श्रेणी प्रदान करने के मद्देनजर इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं।
संगठित सेवा टैग किसी बल को अपने भर्ती नियम बनाने और पदोन्नति, वेतन, कमान और अपने अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के लिए बेहतर अवसर देता है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन बलों के अधिकारियों को ओजीएएस का टैग दिया था। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा की योजना और सिलेबल को बदलने के लिए विचार-विमर्श जरूरी है।
यूपीएससी 2003 से यह परीक्षा ले रहा है। इन परीक्षाओं के जरिये भर्ती होने वाले अधिकारी देश की आंतरिक और सीमा की सुरक्षा में तैनात बलों का नेतृत्व करते हैं। यूपीएससी ने 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नई योजना और परीक्षा के पैटर्न को अंतिम रूप देने के लिए टिप्पणी देने का अनुरोध किया था। ।
नैतिकता, मूल्य जैसे विषय शामिल करने का सुझाव :
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर गृह मंत्रालय और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अफसरों की एक समिति ने आंतरिक सुरक्षा के सामने चुनौतियां, नैतिकता, मूल्यों जैसे नए विषयों को शामिल करने का सुझाव दिया है। वार्षिक सीएपीएफ (एसी) परीक्षा में तीन स्तरीय मूल्यांकन लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता जांच और साक्षात्कार होता है।