आर्थिक मंदी की मार, इस साल भी रोजगार के अवसरों में भारी गिरावट का अनुमान: रिपोर्ट

By भाषा | Published: January 13, 2020 04:05 PM2020-01-13T16:05:17+5:302020-01-13T16:05:17+5:30

इस साल लाखों नौकरियों में कमी होने के आसार हैं.

Fewer jobs are being created as economy slows down, says SBI report | आर्थिक मंदी की मार, इस साल भी रोजगार के अवसरों में भारी गिरावट का अनुमान: रिपोर्ट

केंद्र सरकार में भी मौजूदा रुझानों के अनुसार 2018-19 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 39,000 कम अवसर सृजित होने का अनुमान है।

HighlightsEPFO के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 89.7 लाख नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए थे। ईपीएफओ में केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों और निजी काम-धंधे में लगे लोगों के आंकड़े शामिल नहीं है।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती से देश में रोजगार सृजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है चालू वित्त वर्ष में नयी नौकरियों के अवर एक साल पहले की तुलना में कम पैदा हुए हैं । एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 16 लाख कम नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में कुल 89.7 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए थे।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार असम , बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में नौकरी मजदूरी के लिए बाहर गए व्यक्तियों की ओर से घर भेजे जाने वाले धन में कमी आयी है। यह दर्शाता है कि ठेका श्रमिकों की संख्या कम हुई है। इन राज्यों के लिए मजदूरी के लिए पंजाब , गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाते हैं और वहां से घर पैसा भेजते रहते हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 89.7 लाख नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए थे। चालू वित्त वर्ष में इसमें 15.8 लाख की कमी आने का अनुमान है। ईपीएफओ के आंकड़े में मुख्य रूप से कम वेतन वाली नौकरियां शामिल होती हैं जिनमें वेतन की अधिकत सीमा 15,000 रुपये मासिक है।

रिपोर्ट में की गई गणना के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर के दौरान शुद्ध रूप से ईपीएफओ के साथ 43.1 लाख नए अंशधारक जुड़े। सालाना आधार पर यह आंकड़ा 73.9 लाख बैठेगा। हालांकि इन ईपीएफओ में केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों और निजी काम-धंधे में लगे लोगों के आंकड़े शामिल नहीं है। 2004 से ये आंकड़े राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत स्थानांतरित कर दिए गए हैं। रपट के मुताबिक रोजगार के एनपीएस की श्रेणी के आंकड़ों में भी राज्य और केंद्र सरकार में भी मौजूदा रुझानों के अनुसार 2018-19 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 39,000 कम अवसर सृजित होने का अनुमान है।

Web Title: Fewer jobs are being created as economy slows down, says SBI report

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