भारत में बेरोजगारी की खराब हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब इंजीनियर डिग्री धारक पार्किंग अटेंडेंट नौकरी के लिए लाइन लगा रहे हैं। द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में पार्किंग अटेंडेंट की नौकरियों के लिए 1,400 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किए हैं। इनमें से 70% से अधिक आवेदक ग्रेजुएशन वाले हैं। साथ ही 50% से अधिक इंजीनियर हैं, जो शहर में इंजीनियरों के बीच बेरोजगारी के स्तर को दर्शाते है।
आपको बता दें कि पार्किंग अटेंडेट की जॉब के लिए शैक्षिक योगग्यता SSLC (सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) मांगी गई थी। SSLC सर्टिफिकेट 10वीं पास करने पर मिलता है। अभी तक पार्किंग अटेंडेंट का काम आर्मी से रिटायर हुए 10वीं पास लोग कर रहे थे, लेकिन अब सोमवार से इंजीनियरिंग डिग्री धारक पार्किंग की व्यवस्था करते हुए नजर आएंगे।
द हिंदू को दिए इंटरव्यू में एक छात्र ने कहा, "मैंने सिविल इंजीनियरिंग की है। रियर एस्टेट इंडस्ट्री के हालात की वजह से मेरे पास नौकरी नहीं है।"
आपको बता दें कि पार्किंग अटेंडेंट के पदों के लिए 1,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा गया है। वे सोमवार से काम शुरू करेंगे। गुरुवार को रिपन बिल्डिंग्स का दौरा करने वाले कई इंजीनियरों ने कहा कि वे पार्किंग अटेंडेंट की नौकरियों के लिए आवेदन कर रहे थे क्योंकि वे बेरोजगार थे।