जाकिर नाइक को ओमान से पकड़कर लाने की तैयारी! भारत की सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय, जानिए क्या है पूरी योजना
By विनीत कुमार | Published: March 21, 2023 06:29 PM2023-03-21T18:29:36+5:302023-03-21T18:50:39+5:30
कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को पकड़ कर भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार जाकिर नाइक को ओमान दौरे के दौरान पकड़कर भारत लाया जा सकता है।
नई दिल्ली: कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को ओमान से निर्वासित कर भारत लाया जा सकता है। नाइक को 23 मार्च को ओमान दौरे के दौरान स्थानीय अधिकारियों की मदद से हिरासत में लिया जा सकता है और फिर उसे भारत लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पूरी योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी ओमान के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
न्यूज 18 डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार नाइक को ओमान में दो व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। उसका पहले व्याख्यान 'कुरान एक वैश्विक आवश्यकता' (The Quran a Global Necessity) को ओमान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। वह रमजान के पहले दिन-23 मार्च को इस विषय पर अपना व्याख्यान देगा।
वहीं, दूसरा व्याख्यान 'पैगंबर मुहम्मद [PBUH] मानव जाति के लिए एक दया' (Prophet Muhammad [PBUH] A Mercy to Humankind) विषय पर 25 मार्च की शाम को सुल्तान कबूस विश्वविद्यालय में निर्धारित है।
भारतीय दूतावास स्थानियों एजेंसियों के संपर्क में
रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय भारतीय दूतावास स्थानीय कानूनों के तहत जाकिर नाइक को हिरासत में लेने और भारत निर्वासित करने के लिए ओमान के एजेंसियों के संपर्क में है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि स्थानीय अधिकारी उनके अनुरोध को मानेंगे और उसे हिरासत में लेंगे।
नाइक के हिरासत में लिए जाने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए भारतीय एजेंसियों द्वारा एक कानूनी टीम भेजने की भी संभावना है। विदेश मंत्रालय द्वारा नाइक के मामले को ओमानी राजदूत के सामने भी उठाया गया था। इसी तरह ओमान में भी भारतीय राजदूत ने वहां के विदेश मंत्रालय के सामने इस मुद्दे को उठाया है। इससे पहले नाइक को फीफा विश्व कप 2022 के दौरान धार्मिक उपदेश देने के लिए कतर में आमंत्रित किया था।
2016 से भारत से फरार है जाकिर नाइक
नाइक के खिलाफ 2016 में भारतीय आतंकवाद निरोधक एजेंसी द्वारा आधिकारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद वह भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थायी निवास प्रदान किया गया था। भारत कई बार मलेशिया से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध कर चुका है। साल 2019 में जाकिर नाइक पर मलेशिया में सार्वजनिक भाषण देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
भारत ने 2016 के अंत में नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को समूह के अनुयायियों को विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच दुश्मनी, घृणा, या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने और सहायता करने के आरोप में गैरकानूनी घोषित कर दिया था।
नाइक आईआरएफ की पीस टीवी नेटवर्क का भी फाउंडर है। भारत में इस चैनल पर बैन है। भारत के अलावा पीस टीवी नेटवर्क बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और यूके में भी प्रतिबंधित है। नाइक पर यह भी आरोप है कि उसके भाषण ने 2016 के ढाका बम विस्फोट के लिए उकसाया था। इसमें 20 से ज्यादा लोग तब मारे गए थे। नाइक बांग्लादेश में भी वांटेड है।