सर्वे में हुआ खुलासा, दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण के लिए पराली ही नहीं आप भी हैं जिम्मेदार

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 2, 2018 08:42 AM2018-11-02T08:42:23+5:302018-11-02T08:42:23+5:30

राजधानी में हर साल की तरह एक बार फिर से प्रदूषण की मार देखने को मिल रही है। हर तरफ जानलेवा धुंध सा देखने को मिल रहा है।

You are also responsible for pollution spread in Delhi-NCR. | सर्वे में हुआ खुलासा, दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण के लिए पराली ही नहीं आप भी हैं जिम्मेदार

सर्वे में हुआ खुलासा, दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण के लिए पराली ही नहीं आप भी हैं जिम्मेदार

 राजधानी में हर साल की तरह एक बार फिर से प्रदूषण की मार देखने को मिल रही है। हर तरफ जानलेवा धुंध सा देखने को मिल रहा है। राजधानी में 18 जगहों पर प्रदूषण जानलेवा स्तर पर है। कहा जा रहा है कि दिवाली के सप्ताह में ये प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच जाएगा। ऐसे में  दिल्ली में बृहस्पतिवार (1 नंवबर) से ग्रेडेड रिस्पॉश एक्शन प्लान को लागू कर दिया गया है। 

इसके कारण से कभी भी दिल्ली-एनसीआर में निजी वाहनों पर प्रतिबंध लागू हो सकता है। इस प्रदूषण का एक मात्र कारण हरियाणा, पंजाब समेत राज्यों के किसानों के द्वारा  द्वारा खेतों में पराली जलाने को वजह माना जा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में पराली जलाने से रोकने के लिए इस बार 1200 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा भी की थी। 

लेकिन  हर साल सवाल उठता है कि इस प्रदूषण के लिए क्या पराली जलाना या निजी वाहनों ही जिम्मेदार हैं। जबकि दिल्ली में इस तरह के प्रदूषण की कई अहम वहज हैं। जिनके सबसे अहम कारण आप खुद हैं। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार टेरी ने ये अध्ययन वर्ष 2016 में किया था, जिसे इसी वर्ष अगस्त माह में जारी किया गया है।

इससे प्रदूषण

टेरी के सर्वे के अनुसार प्रदूषण बढ़ने पर सबसे पहले निजी कारों पर रोक लगाई जाती है। जबकि सभी तरह के वाहनों से होने वाले प्रदूषण में सबसे कम 3 फीसद योगदान कारों का है। हल्के वाणिज्यिक वाहन का योगदान मात्र एक फीसद है, क्योंकि दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर LCV सीएनजी से चल रहे हैं। अर्थात बाइक से प्रदूषण तेजी से फैल रहा है।  प्रदूषण में कारों का योगदान जहां 3 फीसद है, वहां दो पहिया वाहनों का योगदान 7 प्रतिशत है। 

इतना ही नहीं पीएम 2.5 बढ़ने के पीछे धूल का 18 प्रतिशत और उद्योगों का 30 प्रतिशत योगदान है। धूल के प्रदूषण में 4 फीसद हिस्सेदारी सड़क की धूल, निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल 1 प्रतिशत व अन्य वजहों का योगदान 13 फीसद है। वहीं उद्योगे के 30 फीसद प्रदूषण में से पावर प्लांट का 6 प्रतिशत, ईंट का 8 प्रतिशत, स्टोन क्रशर 2 फीसद, जबकि अन्य छोटे बड़े उद्योगों से 14 प्रतिशत प्रदूषण फैलता है।

हैरानी की बात है कि हम अपने घरों को प्रदूषण से मुक्त समझते हैं, लेकिन हमारे घर भी प्रदूषण स्तर को बढ़ाने में 10 फीसद भूमिका निभा रहे हैं। इसमें बायोमास (जैव ईंधन) की भूमिका 9 फीसद, केरोसीन इस्तेमाल की हिस्सेदारी 1 फीसद और घरों में खाना पकाने के लिए प्रयोग होने वाली एलपीजी गैस का योगदान 0.1 फीसद है। वहीं, सर्दियों के पूरे मौसम का आंकलन करें तो पराली जलाने से फैलने वाले प्रदूषण का योगदान मात्र 4 फीसद है।

इस  सर्वे में पता चला कि एनसीआर के शहर, दिल्ली के प्रदूषण को प्रभावित करते हैं। दिल्ली में 40 फीसद प्रदूषण की वजह नोएडा का प्रदूषण है। गाजियाबाद में उद्योगों का प्रदूषण बेहद अधिक है। वहीं गुरुग्राम में वाहनों का प्रदूषण बेहद ज्यादा है। 

Web Title: You are also responsible for pollution spread in Delhi-NCR.

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