योगी सरकार का आदेश, यूपी की सभी जेलों में बंद कैदी देखेंगे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह, होगा सीधा प्रसारण
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 7, 2024 09:10 AM2024-01-07T09:10:14+5:302024-01-07T09:14:35+5:30
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी की जेलों में बंद कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था का आदेश दिया है ताकि वो रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को अपनी बैरकों में से देख सकें।
लखनऊ: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी की जेलों में बंद कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था का आदेश दिया है ताकि वो रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को अपनी बैरकों में से देख सकें।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बीते शनिवार को कहा कि सूबे की सभी जेलों में 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह की लाइव-स्ट्रीमिंग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किये जा रहे इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य है कि यूपी की जेलों में बंद लगभग 1.05 लाख से अधिक कैदी भी राम मंदिर समारोह के ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने। इस कारण जेलों में 2 जनवरी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराया जा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जेल मंत्री धर्मवीर ने कहा, "उत्तर प्रदेश की जेलों में अभी लगभग 1.05 लाख से अधिक कैदी हैं। चूंकि वे भी देश के नागरिक हैं। इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वो इस ऐतिहासिक और पावन अवसर से दूर न रहें। इस कारण से राज्य की सभी जेलों में समारोह की लाइव-स्ट्रीमिंग की जाएगी।"
इसके साथ प्रजापति ने यह भी कहा कि जेलों में बद सभी कैदी पेशेवर अपराधी नहीं हैं और अपनी-अपनी परिस्थितियों के कारण अलग-अलग मामलों में जेलों में बंद होते हैं।
उन्होंने कहा, "जब कोई घटना घटती है तो वे अपराधी बन जाते हैं। राम मंदिर अभिषेक के पवित्र अवसर पर वे अलग-थलग न रह जाएं, इसके सरकार द्वारा उसके लिए यह व्यवस्था की जा रही है।"
यूपी की सभी जेलों में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह की लाइव-स्ट्रीमिंग की घोषणा प्रजापति के उस बयान के एक दिन आयी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपी की सभी जेलों में 'हनुमान चालीसा' और 'सुंदर कांड' की अलग-अलग 50,000 प्रतियां कैदियों के बीच बांटी जांएगी।
मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "कैदियों को भक्ति और धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने की प्रथा बहुत पुरानी है। हाल ही में कैदियों के बीच इन पुस्तकों की मांग में भारी वृद्धि के बाद गीता प्रेस से हनुमान चालीसा और सुंदर कांड की पचास हजार प्रतियां मंगवाई गईं हैं।"