निषाद समाज के साथ है योगी सरकार : सिद्धार्थ नाथ सिंह
By भाषा | Published: February 27, 2021 08:51 PM2021-02-27T20:51:04+5:302021-02-27T20:51:04+5:30
प्रयागराज, 27 फरवरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बसवार दौरे और पुलिस उत्पीड़न के शिकार निषाद समाज के लोगों को कांग्रेस की ओर से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के बाद पीड़ितों के समर्थन में आगे आते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रदेश की योगी सरकार निषाद समाज के लोगों के साथ है।
इलाहाबाद की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के साथ शनिवार को बसवार गांव के दौरे पर आए मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार द्वारा बनाए गए एनजीटी की वजह से निषाद समाज की रोजी- रोटी पर संकट खड़ा हुआ है। लेकिन निषाद समाज को न्याय दिलाने के लिए सबसे पहले एनजीटी के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उच्चतम न्यायालय गए।
उन्होंने कहा कि मछली एवं बालू के कारोबार से परिवार चलाने वाले समाज को न्याय दिलाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
सिंह ने कहा कि निषाद समाज का क्रोध जायज है। उनके साथ जो अन्याय हो रहा है, उसकी जिम्मेदार कांग्रेस है।
सिंह ने मत्स्य पालन के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार साइकिल से मछली बेचने के उद्देश्य से आइसबाक्स बनवाने के लिए 25 हजार का सहयोग कर रही है।
मंत्री ने बसवार गांव जाने वाली सड़क का तत्काल निर्माण करने का लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बसवार गांव में हुई घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इलाहाबाद की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, “बसवार में घटना की जानकारी होते ही मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं यहां के स्थानीय अधिकारियों से वार्ता की और इस समस्या का निदान खोजने में लगी हुई हूँ। निषाद समाज के खिलाफ किए गए मुकदमे वापस लेने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिली हूँ।”
उल्लेखनीय है कि चार फरवरी को बसवार गांव में बालू के अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने निषाद समाज के लोगों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी और उनकी नावें तोड़ दी थीं।
इस घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 21 फरवरी को बसवार गांव का दौरा कर प्रभावित लोगों से बातचीत की और करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर टूटी नावें देखीं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।