एमनेस्टी इंडिया का बड़ा खुलासा- योगी सरकार में मिला है कथित गोरक्षों को बल, बड़ी हिंसा पर भी सजा नहीं
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 5, 2018 09:36 AM2018-12-05T09:36:49+5:302018-12-05T09:36:49+5:30
एमनेस्टी इंडिया की प्रोग्राम निदेशक अस्मिता बसु ने कहा कि यूपी की दुखद सच्चाई यह है कि कोई भी, स्वघोषित गो रक्षकों की हिंसा से सुरक्षित नहीं है, ना तो पुलिस और ना ही हाशिये पर आए समुदाय या फिर कोई भी.
मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली एक संस्था ने बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या की मंगलवार को निंदा करते हुए कहा कि यूपी में भय, नफरत और सजा का डर ना होने की संस्कृति फैली हुई है.
एमनेस्टी इंडिया ने बयान कहा कि यूपी में कथित गोरक्षा से जुड़ी हिंसा फैलाने वालों को सजा देने के प्रति जो निष्क्रियता रही है, यह हमला उसी का नतीजा है. उन्होंने कहा, ''यूपी सरकार ने पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है. परेशान करने वाली सच्चाई यह है कि स्वघोषित गोरक्षक समूह कई मामलों में राज्य प्रशासन की शह पर संचालन करते हैं.''
एमनेस्टी इंडिया की प्रोग्राम निदेशक अस्मिता बसु ने कहा कि यूपी की दुखद सच्चाई यह है कि कोई भी, स्वघोषित गो रक्षकों की हिंसा से सुरक्षित नहीं है, ना तो पुलिस और ना ही हाशिये पर आए समुदाय या फिर कोई भी.
उन्होंने कहा, ''यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुलिस इंस्पेक्टर की मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. यूपी में डर, नफरत और सजा के भय से मुक्त होने की संस्कृति व्याप्त है. अगर सरकार सजा के डर से मुक्त होने की भावना को खत्म नहीं करती और दोषियों को सजा नहीं दिलाती तो राज्य में स्वघोषित गो रक्षक समूहों के हमले और बढ़ेंगे.''