बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों ने खोला मोर्चा, बिहार में चार घंटे तक बंद रखे ओपीडी, इलाज के लिए भटकते दिखे मरीज
By एस पी सिन्हा | Published: June 18, 2021 08:06 PM2021-06-18T20:06:16+5:302021-06-18T20:07:47+5:30
डॉक्टरों ने मोर्चा खोलते हुए आज बिहार में सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप किया गया. चार घंटों के लिए सूबे के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रखा.
पटनाः योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ और बिहार में डॉक्टरों ने एकजुटता दिखाते हुए विरोध जताया है.
डॉक्टरों ने मोर्चा खोलते हुए आज बिहार में सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप किया गया. चार घंटों के लिए सूबे के डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बाधित रखा. इस दौरान इमरजेंसी सेवा को चालू रखा गया. इस बंदी का फैसला आईएमए ने लिया, जिसे कई अन्य डॉक्टर संगठनों का भी साथ मिला.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह 8:30 बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक के बिहार में ओपीडी सेवा को बंद रखा गया. इस दौरान आईएमए से जुडे़ डॉ. अजय कुमार समेत अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद करते हुए हाथ में फ्लेक्स लेकर विरोध भी जताया. आज मरीजों को डॉक्टरी सलाह के लिए ओपीडी में चार घंटे इंतजार करना पड़ा. डॉक्टर काला मास्क लगाकर धरना पर बैठे दिखे.
आईएमए ने योग गुरु बाबा रामदेव की तरफ से एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान और चिकित्सकों पर लगातार हो रहे हमले के विरोध में आंदोलन शुरू किया है. आईएमए के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के मुताबिक कोरोना, आईसीयू इमरजेंसी सेवाएं इससे प्रभावित नहीं हुईं. राज्य के चिकित्सकों ने ओपीडी में मरीज को नहीं देखा और साथ- साथ काला बैज लगाकर विरोध प्रदर्शन किया.
डॉ. अजय कुमार और सचिव डॉ. सुनील कुमार ने दावा किया कि इसमें एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और चिकित्सकों के अन्य संगठन भी शामिल हुए. आईएमए का कहना है कि चिकित्सकों के साथ मारपीट के कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. बाबा रामदेव ने एलोपैथी के डॉक्टरों को लेकर जो बयान दिया था वह बहुत ही खेदजनक था.
इसे लेकर डॉक्टरों के बीच काफी रोश है. इस मामले को पूर्व में बाबा रामदेव के खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था. वहीं कोरोना संक्रमणकाल में डॉक्टरों के उपर होने वाली हिंसा को लेकर भी संगठन में काफी रोश है. कई जगहों पर ऐसे मामले सामने आए जब कोरोना मरीज के इलाज के दौरान डॉक्टरों पर मरीज के परिवारजनों के द्वारा हमला किया गया.
कई बार निराश डॉक्टरों ने काम भी बंद किया था. डॉक्टरों का कहना है कि जिस समय कोरोना के दूसरे लहर में भीषण संक्रमण के बीच डॉक्टर अपनी जान पर खेलकर अपनी ड्यूटी कर रहे थे उस वक्त बाबा रामदेव के द्वारा ऐसा बयान देना और व्यंग करना उनके हौसले को तोड़ता है. ये एक भद्दा मजाक है. इसे कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.