Yes Bank case: राणा कपूर के मुंबई स्थित समुद्र महल आवास पर छापा, CBI ने सात स्थानों पर मारे Raid

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 9, 2020 03:53 PM2020-03-09T15:53:47+5:302020-03-09T16:08:09+5:30

यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे।

Yes Bank case CBI raids 7 locations in Mumbai linked to founder Rana Kapoor, others | Yes Bank case: राणा कपूर के मुंबई स्थित समुद्र महल आवास पर छापा, CBI ने सात स्थानों पर मारे Raid

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ (file photo)

Highlightsअधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं।कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई।

नई दिल्लीः सीबीआई ने सोमवार को घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे।

सीबीआई ने अपनी प्राथिमिकी में पांच कंपनियों, कपूर की पत्नी और तीन बेटियों सहित सात व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया है। राणा कपूर के अलावा एजेंसी ने उनकी पत्नी बिंदु, बेटी रोशिनी, राखी और राधा पर मुकदमा किया है।

अधिकारियों ने बताया कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तक कपिल वाधवन और डीएचएफएल से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज राजेश कुमार वाधवन को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, कपूर परिवार के नियंत्रण वाली डीओआईटी अर्बन वेंचर्स, आरएबी एंटरप्राइजेज (लिंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें बिंदु राणा कपूर निदेशक थीं) और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें राणा कपूर की बेटियां निदेशक थीं) को भी आरोपी बनाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।

प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा। गौरतलब है कि कपूर तथा अन्य के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है और छापे की कार्रवाई इसी सिलसिले में की गई। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी उनके समुद्र महल आवास पर की जा रही है।

यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीम कपूर से उनके घर पर पूछताछ भी कर रही है। एजेंसी एक कॉर्पोरेट कंपनी को कर्ज देने में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी। एजेंसी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है। 

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