नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि साल 2022 की पहली तिमाही में करीब 11.2 करोड़ नौकरियां चली गईं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, आईएलओ ने अपने 9वें संस्करण की रिपोर्ट में कहा है कि साल 2021 की आखिरी तिमाही में जो महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी उसकी तुलना में 2022 की पहली तिमाही में 3.8 फीसदी की कमी आ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और भारत को छोड़कर निम्न-मध्यम आय वाले दोनों देशों ने 2020 की दूसरी तिमाही में काम के घंटों में लैंगिक अंतर में गिरावट दर्ज की।
हालांकि, भारत में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले काम के घंटे पहले से ही कम थे इसलिए भारत में महिलाओं द्वारा काम किए जाने वाले घंटों में कमी का निम्न-मध्यम-आय वाले देशों पर प्रभाव कम पड़ा है। इसके विपरीत, भारत में पुरुषों द्वारा काम किए गए घंटों में कमी का बड़ा प्रभाव पड़ता है।
आईएलओ के एक अधिकारी ने कहा कि महामारी से पहले काम पर हर 100 महिलाओं के लिए पूरी अवधि के दौरान औसतन 12.3 महिलाओं ने अपनी नौकरी खो दी होगी। अधिकारी ने कहा कि इसके विपरीत, प्रत्येक 100 पुरुषों के लिए पूरी अवधि के दौरान 7.5 पुरुषों ने अपनी नौकरी खो दी।
इसके लिए चीन में हालिया लॉकडाउन, यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष और खाद्य और ईंधन की कीमतों में वैश्विक वृद्धि को मुख्य कारण माना गया है। आईएलओ ने अपने सदस्य देशों से स्थिति से निपटने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।