World Book Fair 2024 in New Delhi: विश्व पुस्तक मेला का तीसरा दिन, नासिरा शर्मा, चंचल चौहान, सॉनेट मंडल और अदनान कफील दरवेश की किताबों का लोकार्पण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 12, 2024 08:14 PM2024-02-12T20:14:10+5:302024-02-12T20:15:38+5:30

World Book Fair 2024 in New Delhi: दलित और आदिवासी विमर्श, स्त्री-विमर्श समेत विभिन्न विमर्शों की किताबें और यात्रा-वृत्तांत, संस्मरण जैसी कथेतर किताबों की मांग ज्यादा आ रही है।

 World Book Fair 2024 in New Delhi Third day Launch of books by Nasira Sharma, Chanchal Chauhan, Sonnet Mandal and Adnan Kafeel Darvesh at Rajkamal's Jalsaghar Maitreyi Pushpa said that she will soon write novel on love Books of Nirmal Verma Gagan Gill | World Book Fair 2024 in New Delhi: विश्व पुस्तक मेला का तीसरा दिन, नासिरा शर्मा, चंचल चौहान, सॉनेट मंडल और अदनान कफील दरवेश की किताबों का लोकार्पण

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Highlights13 फरवरी को दोपहर बारह बजे निर्मल वर्मा और गगन गिल की पुस्तकों का लोकार्पण होगा।'लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा से धर्मेंद्र सुशांत ने बातचीत की। माना जाता था कि स्त्रियाँ उस तरह नहीं लिख सकती जिस तरह पुरुष लिखते हैं।

World Book Fair 2024 in New Delhi: विश्व पुस्तक मेला में सोमवार को राजकमल प्रकाशन समूह के स्टॉल जलसाघर में ‘लेखक से मिलिए’ सत्र में वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा से संवाद के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। इसके बाद सॉनेट मंडल के कविता संग्रह 'लौटती दोपहरें'; नासिरा शर्मा के कहानी संग्रह 'सुनहरी उंगलियाँ'; अदनान कफ़ील दरवेश के कविता संग्रह 'नीली बयाज' और चंचल चौहान की किताब 'साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र' का लोकार्पण हुआ। वहीं बलजिन्दर नसराली के पंजाबी भाषा से अनूदित उपन्यास 'अम्बर परियाँ' पर बातचीत हुई। जलसाघर में कल 13 फरवरी को दोपहर बारह बजे निर्मल वर्मा और गगन गिल की पुस्तकों का लोकार्पण होगा। राजकमल प्रकाशन के सीईओ आमोद महेश्वरी ने बताया कि इस बार विश्व पुस्तक मेले में बिक्री में नया रुझान देखने को मिला है।

राजकमल की क्लासिक किताबें तो पाठकों की पहली पसंद है ही साथ में अब पुस्तकप्रेमियों की रुचि बाकी विधाओं की किताबें पढ़ने में भी बढ़ रही है। इस बार दलित और आदिवासी विमर्श, स्त्री-विमर्श समेत विभिन्न विमर्शों की किताबें और यात्रा-वृत्तांत, संस्मरण जैसी कथेतर किताबों की मांग ज्यादा आ रही है।

वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा ने कहा वे जल्द ही लिखेंगी प्रेम पर उपन्यास 

जलसाघर में आयोजित कार्यक्रम के पहले सत्र 'लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा से धर्मेंद्र सुशांत ने बातचीत की। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा "एक समय था जब माना जाता था कि स्त्रियाँ उस तरह नहीं लिख सकती जिस तरह पुरुष लिखते हैं। उनकी कुछ सीमाऍं, बाधाऍं होती हैं, वह एक माँ भी होती है। मेरी पीढ़ी की स्त्री लेखकों ने कई बंधन तोड़े हैं और बंधन तोड़ना ज़रूरी भी है।"

अपने उपन्यास की नायिकाओं के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा "मेरी सभी नायिकाओं ने मेरे उपन्यास पढ़े हैं, उनमें निर्णय लेने की क्षमता बनी है। कुछ तो अभी प्रधान भी हैं। आज मैं जब उनसे बात करती हूं तो वे कहती हैं बीबी जी आपने हमें लिख दिया है तो अब हम वैसे थोड़ी ही रहेंगी।" वहीं अगली रचना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रेम के विषय में कम लिखा है। लेकिन भविष्य में वे जल्द ही प्रेम पर एक उपन्यास लिखेंगी।

सॉनेट मंडल के कविता संग्रह 'लौटती दोपहरें' का लोकार्पण

दूसरे सत्र में सॉनेट मंडल के कविता संग्रह 'लौटती दोपहरें' का लोकार्पण और उस पर परिचर्चा का रहा। इस सत्र में सुकृता पॉल कुमार, रवींद्र त्रिपाठी और सरबजीत गरचा बतौर वक्ता शामिल रहे। वहीं सत्र का संचालन मनोज कुमार पाण्डेय ने किया। परिचर्चा के दौरान सरबजीत गरचा ने  बताया कि इस कविता संग्रह का अनुवाद वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल करने वाले थे।

मंगलेश डबराल के आकस्मिक देहावसान के बाद यह सॉनेट मंडल ने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी। कविता संग्रह के बारे में सुकृता पॉल कुमार ने कहा "तीन कवियों ने मिलकर इस संग्रह का अनुवाद किया है। सभी के अनुवाद में पाठक को कुछ अंतर देखने को मिलेगा क्योंकि अनुवाद सिर्फ़ शब्दों का नहीं होता, भावों का भी होता है। हर अनुवादक की टोन, स्टाइल और रिदम अलग होती है।" इसी विषय में रवींद्र त्रिपाठी ने कहा "हर कवि किसी कविता के अनुवाद में अपने अनुसार नया स्वरूप प्रस्तुत करता है, मैंने ऐसी ही कोशिश की है।" 

पंजाबी से अनूदित उपन्यास 'अम्बर परियाँ' पर हुई बातचीत

अगले सत्र में बलजिन्दर नसराली के पंजाबी भाषा से अनूदित उपन्यास 'अम्बर परियाँ' पर सुशील नाथ ने उनसे बातचीत की। यह उपन्यास समकालीन पंजाब के परिदृश्य में लिखा गया है। भविष्य में विवाह प्रथा का स्वरूप क्या होगा, इस सवाल को उपन्यास की पृष्ठभूमि में बहुत बारीक ढंग से समाहित किया गया है।

इसीलिए इस उपन्यास की सार्थकता, ताजगी और आकर्षण और भी बढ़ जाती है। बातचीत के दौरान बलजिन्दर नसराली ने कहा कि "मेरे अपने दृष्टिकोण से लिखे गए उपन्यास में बहुत सी बातें मेरी अपनी देखी हैं। इसे मैंने मैजिकल रियलिज़्म के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया है।"

अदनान कफील दरवेश का नया कविता संग्रह 'नीली बयाज' 

इसके बाद लोकप्रिय युवा कवि अदनान कफील दरवेश के नए कविता संग्रह 'नीली बयाज' का लोकार्पण हुआ। इस सत्र में अनिल यादव, पराग पावन, मसऊद अख्तर की विशिष्ट उपस्थिति रही। इस मौके पर अदनान कफील दरवेश ने नए संग्रह से कुछ कविताओं का पाठ किया। परिचर्चा के दौरान अदनान कफील दरवेश ने कहा कि वह शुरू से ही पढ़ने लिखने कि संस्कृति का हिस्सा हैं।

जब प्रतिशोध का साहित्य प्रकाशित होता है तो उसकी ख़्वाहिश होती है कि समाज में बदलाव होगा। वहीं अन्य वक्ताओं ने कहा कि अदनान ने प्रेम की बहुत सी कविताऍं लिखी हैं। यह उनका निजी अनुभव है जिसने उन्हें ऐसे साहित्य रचना की ओर मोड़ दिया।

साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र पुस्तक का लोकार्पण

अगले सत्र में 'साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र' पुस्तक का लोकार्पण और परिचर्चा हुई। लोकार्पण के बाद लेखक चंचल चौहान से बजरंग बिहारी तिवारी ने बातचीत की। परिचर्चा के दौरान बजरंग बिहारी तिवारी ने कहा कि यह किताब सिर्फ़ दलित साहित्य का ही नहीं बल्कि समूचे साहित्य पर लागू होने वाले यूनिवर्सल दलित एस्थेटिक की बात करता है। वहीं इस पुस्तक को लिखने के वैचारिक पक्ष के बारे में लेखक ने कहा कि वैचारिकी अर्जित की जाती है। वह किसी ख़ास समाज में पैदा होने से उत्पन्न नहीं हो सकती है।

नासिरा शर्मा के कहानी संग्रह ‘सुनहरी उंगलियाँ’ का लोकार्पण और बातचीत

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में नासिरा शर्मा के कहानी संग्रह 'सुनहरी उंगलियाँ' का लोकार्पण हुआ। इस दौरान वार्ताकार मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि इस संग्रह की सभी कहानियाँ जो हाशियाई तबका है उन्हीं के ईद-गिर्द घूमती हैं।

वहीं लेखक ने कहा कि "सियासत के बाज़ार में आम लोगों की आंखों पर पर्दा डाल दिया जाता है और चोर दरवाज़े से सब कुछ चलता रहता है। मैंने इन कहानियों में उसी सच को दिखाने की कोशिश की है।" उन्होंने बताया कि आज इस तरह के सवालों को उठाने की ज़रूरत है वरना हम आने वाली जेनरेशन को कुछ नहीं दे पाएंगे।

जलसाघर में कल होगा निर्मल वर्मा की किताबों का लोकार्पण

जलसाघर में कल दिनांक 13 फरवरी (मंगलवार) को दोपहर बारह बजे से कार्यक्रम शुरू होगा। पहले सत्र में निर्मल वर्मा और गगन गिल की पुस्तकों का लोकार्पण होगा। इस सत्र में हरीश त्रिवेदी की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी। दूसरे सत्र में शहादत के कहानी संग्रह 'कर्फ्यू की रात' का लोकार्पण होगा।

इस सत्र में विभूति नारायण राय और विभास वर्मा की उपस्थिति रहेगी। अगले सत्र में हेमंत देवलेकर के कविता संग्रह हमारी उम्र का कपास पर सौरभ अनंत की उनसे बातचीत होगी। इसके बाद महेश कटारे के उपन्यास ‘भवभूति कथा’ पर राजनारायण बोहरे लेखक से बात करेंगे। 

अगले सत्र में मृणाल पाण्डे की पुस्तक ‘हिंदी पत्रकारिता : एक यात्रा’ का लोकार्पण और परिचर्चा होगी जिसमें प्रमोद जोशी और हर्ष रंजन लेखक से बातचीत करेंगे। अगले सत्र में संजीव के उपन्यास 'प्रार्थना' का लोकार्पण होगा। इस सत्र में शिवमूर्ति और प्रेमपाल की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी। अंतिम सत्र में शिवानी सिब्बल के उपन्यास 'सियासत' के कथानक पर प्रभात रंजन लेखक से बातचीत करेंगे।

English summary :
 World Book Fair 2024 in New Delhi Third day Launch of books by Nasira Sharma, Chanchal Chauhan, Sonnet Mandal and Adnan Kafeel Darvesh at Rajkamal's Jalsaghar Maitreyi Pushpa said that she will soon write novel on love Books of Nirmal Verma and Gagan Gill will be launched tomorrow in Jalsaghar


Web Title:  World Book Fair 2024 in New Delhi Third day Launch of books by Nasira Sharma, Chanchal Chauhan, Sonnet Mandal and Adnan Kafeel Darvesh at Rajkamal's Jalsaghar Maitreyi Pushpa said that she will soon write novel on love Books of Nirmal Verma Gagan Gill

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