श्रमिक स्पेशल ट्रेन को 10 घंटे आउटर पर रोका, बासी खाना व शौचालय में पानी नहीं, तो मजदूरों ने CM नीतीश के खिलाफ ट्रैक पर की नारेबाजी
By अनुराग आनंद | Published: May 23, 2020 02:17 PM2020-05-23T14:17:25+5:302020-05-23T14:17:25+5:30
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से श्रमिक ट्रेनों में बैठकर आए मजदूरों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उनकी ट्रेन को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के आउटर सिंग्नल पर 10 घंटे तक रोके रखा गया।
नई दिल्ली: भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच देश भर में जारी लॉकडाउन की वजह से बिहार के लाखों मजदूर कई राज्यों में फंसे हुए हैं। ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से इन मजदूरों को उनके गृहराज्य पहुंचाने का दावा कर रही है। इसी बीच खबर है कि एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन को करीब 10 घंटे तक सफर के दौरान आउटर पर रोक कर रखा गया, जिसके बाद क्रोधित होकर मजदूरों ने रेलवे ट्रैक पर ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की।
एनडीटीवी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से श्रमिक ट्रेनों में बैठकर आए मजदूरों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उनकी ट्रेन को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के आउटर सिंग्नल पर 10 घंटे तक रोके रखा गया। ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के आउटर सिंग्नल पर शुक्रवार रात में ये रेल रात में 11 बजे आ गई थी। तब से लेकर इसे 10 घंटे तक रोककर रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में सफर करने के लिए उनसे 1500 रुपये भी वसूले गए हैं।
इसी तरह एक और श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो कि महाराष्ट्र के पनवेल से जौनपुर आ रही थी, उस ट्रेन को वाराणसी में करीब 10 घंटे तक रोके रखा गया। इससे गुस्साए मजदूरों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि बाद में रेलवे पुलिस ने इन लोगों के खाने की व्यवस्था की तब जाकर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
यही नहीं इन दोनों ही ट्रेन में सफर करने वाले मजदूरों ने बताया कि उन्हें ट्रेन में बासी भोजन खाने के लिए दिया गया है। इसके अलावा, ट्रेन के शौचालय में पानी भी नहीं है। ऐसे में यदि किसी को शौच लग जाए तो काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। ट्रेन की साफ-सफाई भी पूरे रास्ते में नहीं किए जाने की शिकायत ट्रेन में सफर करने वाले मजदूरों ने की है।
इसके अलावा गुजरात से बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार मजदूरों ने कानपुर में दिए गए खाने को फेंक दिया। उनका कहना था कि ये खाना खराब हो चुका था। मजदूरों ने रेलवे सुरक्षा में तैनात जवानों से कहा कि उनके साथ अमानवीय बर्ताव क्यों किया जा रहा है।