‘‘एमएफआई से ऋण लेकर महिलाएं कर्ज के जाल में फंस जाती हैं’’

By भाषा | Published: December 20, 2021 10:29 AM2021-12-20T10:29:02+5:302021-12-20T10:29:02+5:30

"Women get into debt trap by taking loan from MFIs" | ‘‘एमएफआई से ऋण लेकर महिलाएं कर्ज के जाल में फंस जाती हैं’’

‘‘एमएफआई से ऋण लेकर महिलाएं कर्ज के जाल में फंस जाती हैं’’

भुवनेश्वर, 20 दिसंबर केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक और ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ के प्रोफेसर आर राम कुमार ने रविवार को दावा किया कि देशभर में कई महिलाएं विभिन्न सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) से ऋण लेकर आर्थिक रूप से सशक्त होने के बजाय कर्ज के जाल में फंस गई हैं।

‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक एसोसिएशन’(एआईडीडब्ल्यूए) की ओडिशा इकाई द्वारा ‘आधुनिक साहूकारों के जाल में फंसती महिलाएं’ विषय पर यहां आयोजित चौथे सुशीला गोपाल स्मृति व्याख्यान में दोनों ने यह बात कही।

इसाक और कुमार ने आरोप लगाया कि महिला स्वयं सहायता समूहों को दिए गए ऋण पर एमएफआई 11.25 प्रतिशत से अधिक ब्याज लेते हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ कभी-कभी, एमएफआई की ब्याज दर लगभग 60 प्रतिशत होती है और कुछ मामलों में 100 प्रतिशत से अधिक भी होती है। एमएफआई प्रसंस्करण शुल्क के अलावा महिला स्वयं समूहों से 24 प्रतिशत ब्याज लेते थे। इसके परिणामस्वरूप ऋण चुकाने में असमर्थ, महिला समूह भुगतान करने के लिए दूसरी जगह से ऋण लेते हैं। इस तरह वे कर्ज के जाल में फंस जाते हैं और इससे उभर नहीं पाते, आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की बात तो छोड़ ही दीजिए।’’

एआईडीडब्ल्यूए के राष्ट्रीय सचिव तापसी प्रहराज ने भी आरोप लगाया कि एमएफआई द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों का अत्यधिक शोषण किया जा रहा है, क्योंकि बैंक महिला समूहों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण देने में संकोच करते हैं।

प्रहराज ने कहा कि बैंको को एमआईएफ के हस्तक्षेप के बिना, महिला समूहों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण देना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: "Women get into debt trap by taking loan from MFIs"

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे