महिला झारखंड के मुख्यमंत्री के खिलाफ याचिका वापस लेना चाहती है: पुलिस ने अदालत को बताया

By भाषा | Published: April 5, 2021 07:14 PM2021-04-05T19:14:25+5:302021-04-05T19:14:25+5:30

Woman wants to withdraw plea against Jharkhand Chief Minister: police told court | महिला झारखंड के मुख्यमंत्री के खिलाफ याचिका वापस लेना चाहती है: पुलिस ने अदालत को बताया

महिला झारखंड के मुख्यमंत्री के खिलाफ याचिका वापस लेना चाहती है: पुलिस ने अदालत को बताया

मुंबई, पांच अप्रैल मुंबई पुलिस ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दुष्कर्म और आपराधिक धमकी के आरोपों की जांच नहीं कर सकती क्योंकि पीड़िता उच्च न्यायालय से वह याचिका वापस लेना चाहती है जिसमें प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई गई थी।

लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ से कहा कि महिला ने वर्ष 2013 में सोरेन के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेटी अदालत में अर्जी दी थी।

ठाकरे ने अदालत को बताया, ‘‘हालांकि महिला ने अपनी शिकायत उसी साल वापस ले ली। पिछले साल अगस्त में महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि उसके साथ हादसा हो गया था और आशंका जताई कि उसके पीछे भी सोरेन का हाथ था। महिला ने बाद में वह याचिका भी वापस ले ली।’’

लोक अभियोजक ने झारखंड के पूर्व पत्रकार सुनील कुमार तिवारी और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘स्त्री रोशनी ट्रस्ट’ की ओर से दाखिल दो याचिकाओं का भी विरोध किया जिसमें उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप करने और महिला को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया गया है।

ठाकरे ने कहा, ‘‘हस्तक्षेप करने वालों (तिवारी एवं एनजीओ) का मामले से कोई संबंध नहीं है जबकि शिकायतकर्ता स्वयं अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। हस्तक्षेप आवेदन निश्चित रूप से किसी राजनीतिक हित की वजह से दिया गया है। पुलिस किस बात की जांच करे जब शिकायत ही वापस हो गई है।’’

महिला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को याचिका जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता अगर वह ऐसा नहीं चाहती।

पोंडा ने कहा, ‘‘महिला का मामले में हस्तक्षेप करने वालों से कोई संबंध नहीं है। ऐसा लगता है कि उनके पीछे भाजपा जैसी कुछ राजनीतिक पार्टियां हैं। उनका (हस्तक्षेप करने वाले) उस व्यक्ति (सोरेन) से स्वार्थ है जिसके खिलाफ महिला ने पहले याचिका दायर की थी।’’

उन्होंने कहा कि महिला याचिका को वापस लेना चाहती है।

पीठ ने पोंडा से पूछा कि क्या महिला न्यायाधीशों से उनके चेंबर में मिलना चाहती है। पोंडा ने इसे स्वीकार किया जिसके बाद महिला सोमवार दोपहर न्यायाधीशों से चेंबर में मिली।

अदालत इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को करेगी।

‘स्त्री रोशनी ट्रस्ट’ की ओर से पेश अधिवक्ता सतीश माणेशिंदे ने कहा कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और आरोपी मुख्यमंत्री है।

माणेशिंदे ने कहा, ‘‘कई अदालतों ने कहा है कि ऐसे अपराध केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं होता बल्कि समाज के खिलाफ होता है।

हस्तक्षेप आवेदनों में सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि अगर उच्च न्यायालय निर्देश दे तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) आरोपों की जांच करने को इच्छुक है।

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Web Title: Woman wants to withdraw plea against Jharkhand Chief Minister: police told court

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