Coronavirus: अगर लॉकडाउन और अन्य उपाय नहीं किए होते तो भारत में 15 अप्रैल तक हो जाते 8.2 लाख मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

By भाषा | Published: April 11, 2020 09:30 PM2020-04-11T21:30:28+5:302020-04-11T21:30:28+5:30

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि अगर कोरोना के लिए रोकथाम स्ट्रैटेजी और लॉकडाउन नहीं किया होता को 15 अप्रैल तक 8.2 लाख मामले होते।

Without steps, corona cases seen at 8.2 lakh by April 15, says Health Ministry | Coronavirus: अगर लॉकडाउन और अन्य उपाय नहीं किए होते तो भारत में 15 अप्रैल तक हो जाते 8.2 लाख मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

लॉकडाउन नहीं होता तो भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में 41 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती। (फोटो सोर्स- एएनआई)

Highlightsभारत में अब तक 7529 लोग कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।कोरोना वायरस के कारण अब तक 242 लोगों की जान गई है, जबकि 652 लोग ठीक हुए हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यदि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन और अन्य कदम नहीं उठाये होते तो 15 अप्रैल तक देश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 8.2 लाख तक पहुंच सकते थे। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रतिदिन के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश ने कोविड-19 के हॉटस्पॉट (कोरोना वायरस संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र) की पहचान करने के लिये समय रहते कार्रवाई की और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये अन्य उपाय भी किये।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने मामलों की वृद्धि दर का विश्लेषण किया है। सांख्यिकी विश्लेषण के मुताबिक यदि लॉकडाउन या संक्रमण को फैलने से रोकने वाले अन्य उपाय नहीं किये जाते तो भारत में संक्रमण के मामलों में 41 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती, 11 अप्रैल तक कुल मामले बढ़ कर 2.08 लाख और 15 अप्रैल तक 8.2 लाख हो जाते।’’

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू नहीं करने और संक्रमण को फैलने से रोकने के अन्य कदम उठाए जाने की स्थिति में मामलों की संख्या 28.9 प्रतिशत की वृद्धि दर से 15 अप्रैल तक 1.2 लाख पहुंच जाती। अग्रवाल ने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी, लॉकडाउन और इलाकों को सील करने जैसी अन्य कोशिशें कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हमने सामाजिक मेलजोल से दूरी रखने पर जोर दिया और 25 मार्च से लॉकडाउन के अलावा संक्रमण को फैलने से रोकने के अन्य उपाय अपनाये, इसलिए मामलों में कमी आई और अभी तक संक्रमण के 7,447 मामले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये स्थिति पर चर्चा करने के दिन अधिकारी ने यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और दो हफ्ते के लिये बढ़ाने पर राज्यों के के बीच सर्वसम्मति नजर आ रही है।

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को शुरू हुआ था और यह 14 अप्रैल तक के लिये लागू किया गया था। अग्रवाल ने महामारी से निपटने में भारत की तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिये 586 विशेष अस्पतालों को राज्य और केंद्र स्तर पर शुरू किया गया है। देश भर में एक लाख आइसोलेशन बेड और 11,500 गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) बिस्तर कारोना वायर से संक्रमित मरीजों के लिये रखे गये हैं। इस आंकड़े में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार की प्रतिक्रिया समय पूर्व, सक्रिय और पूरी तरह से तैयार रहने वाली रही है तथा हमने अपने क्रमिक रुख से उत्पन्न हो रही स्थिति के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया की। आयुष मंत्रालय ने श्वसन से जुड़े स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दिशानिर्देश तैयार किये हैं। जिलों को इसे जिला स्तर पर आकस्मिक योजना में शामिल करने को कहा गया है।’’

अग्रवाल ने यह भी कहा कि देश में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है। इस दवा को कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिये एक जरूरी औषधि बताया है। कोरोना वायरस से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर दवा के प्रभाव के बारे में एक सवाल के जवाब में आईसीएमआर में महामारी एवं संक्रामक रोग प्रमुख आर गंगाखेडकर ने कहा, ‘‘हमारा अध्ययन उस चरण में नहीं पहुंचा है जहां नतीजों का विश्लेषण किया जा सके ताकि एक निष्कर्ष निकाला जाए।’’ उन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बारे में कहा, ‘‘आम आदमी के उपयोग के लिये इसकी सिफारिश करने का कोई साक्ष्य नहीं है।’’

वहीं, एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीएमआर द्वारा आर्डर किये गये पांच लाख ‘एंटीबॉडी टेस्टिंग किट’ अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश भर में अब तक कोविड-19 के 1.7 लाख नमूनों की जांच की गई है जिनमें से शुक्रवार को 16,564 नमूनों की जांच की गई। इन 16,564 नमूनों में 14,210 की जांच आईसीएमआर के नेटवर्क के तहत 146 सरकारी प्रयोगशालाओं में की गई जबकि शेष 67 की जांच निजी प्रयोगशालाओं में की गई।

Web Title: Without steps, corona cases seen at 8.2 lakh by April 15, says Health Ministry

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