अफगानिस्तान से वापसी: दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को भारत लाया गया

By भाषा | Published: August 22, 2021 11:28 PM2021-08-22T23:28:38+5:302021-08-22T23:28:38+5:30

Withdrawal from Afghanistan: 392 people including two Afghan MPs were brought to India | अफगानिस्तान से वापसी: दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को भारत लाया गया

अफगानिस्तान से वापसी: दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को भारत लाया गया

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में भारत अफगान राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया। इस बीच कतर में भारतीय दूतावास ने आज शाम कहा कि 146 भारतीय नागरिक, जिन्हें अफगानिस्तान से निकालकर दोहा ले जाया गया था, उन्हें रविवार रात भारत वापस लाया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान के जरिए 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों एवं हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को सुबह काबुल से दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे पर लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से वापस लाया गया। इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायु सेना के एक विमान आईएएफ 130जे के जरिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था। इस बीच, अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 भारतीयों के एक समूह को एक विशेष विमान से दोहा से दिल्ली लाया गया। भारत ने अमेरिका, कतर, ताजिकिस्तान और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय स्थापित करके अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का अभियान चलाया। कतर में भारतीय मिशन ने रात लगभग आठ बजे ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। अफगानिस्तान से दोहा लाए गए 146 भारतीय नागरिकों का दूसरा समूह आज भारत वापस लाया जा रहा है।’’ सूत्रों ने बताया कि दोहा से आने वाला दूसरा समूह चार अलग-अलग उड़ानों के जरिए दिल्ली पहुंचेगा जोकि राष्ट्रीय राजधानी में रविवार मध्यरात्रि के बाद से लेकर सोमवार तड़के करीब 5:10 बजे के बीच उतरेंगी। अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान से अवगत अधिकारियों ने बताया कि काबुल से लाए गए 168 लोगों के समूह में अफगान सांसदों अनारकली होनारयार और नरेंद्र सिंह खालसा एवं उनके परिवार भी शामिल हैं। खालसा ने दिल्ली के निकट हिंडन एयरबेस पर पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत हमारा दूसरा घर है। भले ही हम अफगान हैं और उस देश में रहते हैं लेकिन लोग अक्सर हमें हिंदुस्तानी कहते हैं। मदद के लिए हाथ बढ़ाने के लिए मैं भारत को धन्यवाद देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रोने का मन कर रहा है। सब कुछ समाप्त हो गया है। देश छोड़ने का यह एक बहुत ही कठिन और दर्दनाक निर्णय है। हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी है। सब कुछ छीन लिया गया है। सब खत्म हो गया है।’’ रविवार को लोगों को निकाले जाने के साथ ही काबुल से भारत द्वारा निकाले गए लोगों की संख्या पिछले सोमवार से लगभग 590 तक पहुंच गई। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने समर्थन के संदेशों के लिए भारतीय मित्रों को ट्विटर पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले कुछ हफ्तों, विशेषकर पिछले 7-8 दिनों में अफगानों की पीड़ा पर सभी भारतीय मित्रों और नई दिल्ली में राजनयिक मिशनों के सहानुभूति और समर्थन संदेशों की सराहना करता हूं।’’ मामुन्दजई ने कहा कि उनका देश एक कठिन समय से गुजर रहा है और केवल बेहतर नेतृत्व, सहानुभूतिपूर्ण रवैये और अफगान लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन से ही ‘‘मुसीबतों’’ का अंत होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान एक कठिन समय से गुजर रहा है, और केवल अच्छा नेतृत्व, सहानुभूतिपूर्ण रवैये और अफगान लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन से ही इन दुखों को कुछ हद तक समाप्त किया जा सकता है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विमान के हिंडन में उतरने से कुछ घंटों पहले ट्वीट किया, ‘‘भारतीयों को वापस लाने का अभियान जारी है। भारत के 107 नागरिकों समेत 168 यात्री भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाए जा रहे हैं।’’ ऐसा बताया जा रहा है कि काबुल से दोहा लाए गए भारतीय अफगानिस्तान स्थित कई विदेशी कंपनियों के कर्मी हैं। बागची ने देर रात करीब एक बजकर 20 मिनट पर ट्वीट किया था, ‘‘अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। एआई1956 विमान ताजिकिस्तान से कुल 87 भारतीयों को नयी दिल्ली ला रहा है। दो नेपाली नागरिकों को भी लाया जा रहा है। इसमें दुशाम्बे में स्थित भारत के दूतावास ने सहायता की। लोगों को निकालने के लिए और उड़ानों का प्रबंधन किया जाएगा।’’ तालिबान के पिछले रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है। सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी। भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था। अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने अफगानिस्तान में इस महीने तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के अधिकतर इलाकों पर कब्जा जमा लिया है। इन लोगों की वापसी के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार के लिए तात्कालिक प्राथमिकता अफगानिस्तान में फिलहाल रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक सूचना प्राप्त करना है। मंत्रालय ने भारतीयों के साथ ही उनके नियोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें। सूत्रों ने कहा कि प्रकोष्ठ को 2,000 से अधिक फोन कॉल मिले और इसके संचालन के पहले पांच दिनों के दौरान 6,000 से अधिक व्हाट्सएप प्रश्नों का उत्तर दिया गया। इस दौरान प्रकोष्ठ ने 1200 से अधिक ई-मेल का जवाब दिया। पिछले सप्ताह के एक अनुमान के मुताबिक, अफगानिस्तान में करीब 400 भारतीय फंसे हो सकते हैं और भारत उन्हें वहां से निकालने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए वह अमेरिका एवं अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ समन्वय से काम कर रहा है।

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Web Title: Withdrawal from Afghanistan: 392 people including two Afghan MPs were brought to India

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