बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बढ़ सकता है केन्द्रीय एजेंसियों का दबाव, कई नेता हैं रडार पर

By एस पी सिन्हा | Published: August 10, 2022 04:28 PM2022-08-10T16:28:43+5:302022-08-10T16:37:04+5:30

बिहार में कई बड़े नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। एजेंसी सृजन के साथ आईआरसीटीसी घोटाले में भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।

With the change of power in Bihar, the pressure of central investigative agencies may increase, many leaders are on the radar | बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बढ़ सकता है केन्द्रीय एजेंसियों का दबाव, कई नेता हैं रडार पर

फाइल फोटो

Highlightsबिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्‍वी यादव के सामने बड़ी चुनौती आने वाली हैसीबीआई सृजन घोटाले में नीतीश सरकार में शामिल रहे कई वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर सकती हैलालू प्रसाद यादव परिवार समेत पहले से ही सीबीआई और ईडी के निशाने पर चल रहे हैं

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उपमुख्यमंत्री तेजस्‍वी यादव के साथ मिलकर महागठबंधन की नई सरकार बना ली लेकिन नई सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां आने की संभावना है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नजर भी टेढ़ी हो सकती है। भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार व राजद नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दबाव एक बार फिर बढ़ सकता है।

वर्तमान समय में बिहार के तीन दलों के बड़े नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। इसमें सृजन के साथ ही रेलवे के आईआरसीटीसी घोटाले में भी शिकंजा कसने वाला है। सीबीआई सृजन घोटाले में नीतीश सरकार में शामिल रहे कई वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ के लिए बुलावा भेजने की तैयारी कर रही है।

उल्लेखनीय है कि लालू परिवार पर पहले ही सीबीआई या ईडी की नजर है। राबड़ी देवी के आवास से लेकर मीसा भारती के दिल्ली आवास तक छापेमारी हुई थी। लालू प्रसाद यादव के नजदीकी पूर्व विधायक भोला यादव की तो सीबीआई गिरफ्तार भी तक चुकी है और उनके कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। अब बहुत संभव है कि जल्द ही सीबीआई और ईडी की दबिश लालू परिवार पर तेज हो।

लालू परिवार के अन्य करीबी पर भी ईडी और सीबीआई की नजर टेढ़ी हो सकती है। राज्य सरकार बदले में किस तरह की कार्रवाई करती है यह दिख सकता है। ऐसे में यह भी लयास लागये जाने लगे हैं कि कहीं पश्चिम बंगाल जैसी स्थिति तो बिहार में भी नहीं हो जाएगी? सूत्रों के अनुसार भ्रष्‍टाचार के मामलों में एक साथ राज्‍य सरकार और केंद्र की एजेंसियों की कार्रवाई तेज होने वाली है।

राज्‍य सरकार के अधीन ईओयू और निगरानी जैसी एजेंसियां भी अपनी सक्रियता बढ़ा सकती हैं तो सीबीआई और ईडी के कई टारगेट पहले से ही तय हैं। बहुत संभव है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से बिहार की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की पूछताछ के साथ ही कई और राजनीतिकों से भी पूछताछ का क्रम शुरू हो जाएगा।

इसी तरह रेलवे के आईआरसीटीसी घोटाले में भोला यादव के बाद राजद के दो और नेता सीबीआई के निशाने पर हैं।दोनों नेता लालू पर‍िवार से बाहर के हैं। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले पूर्व विधायक भोला यादव वर्तमान में सीबीआई का शिंकजा कसा हुआ है।

भोला यादव से मिले इनपुट के आधार पर राजद के कई और नेताओं को सीबीआई पूछताछ के सम्मन भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं, राजनीतिक रसूखदारों के लिए सृजन में फंसा विपिन शर्मा एनडीए रसूखदारों के गले का फांस बनेगा। सृजन की खेवनहार मनोरमा देवी से जुड़े कई नेताओं को ईडी पूछताछ के लिए बुला सकती है जबकि बिहार लोकसेवा की पदाधिकारी रही जयश्री ठाकुर की लगातार पदस्थापन भागलपुर और बांका में रहने का मामला भी नीतीश कुमार के लिए गले का फांस बन सकता है।

Web Title: With the change of power in Bihar, the pressure of central investigative agencies may increase, many leaders are on the radar

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