शीतकालीन सत्र 2019: मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्ष खोलेगा 'हल्ला बोल' मोर्चा

By शीलेष शर्मा | Published: November 5, 2019 08:39 AM2019-11-05T08:39:14+5:302019-11-05T08:39:14+5:30

विपक्षी दलों की बैठक में शरद यादव का कहना था कि देश के हालात इतने बिगड़ चुके है कि अब लोगों को गोलबंद होना पड़ेगा.

Winter session 2019: Opposition will open 'Halla Bol' front against Modi government policies | शीतकालीन सत्र 2019: मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्ष खोलेगा 'हल्ला बोल' मोर्चा

संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है.

Highlights कांग्रेस मुद्दों को लेकर मंगलवार से जिला एवं प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. विश्व में जितने औसत बेरोजगारी है उससे दुगुनी बेरोजगारी भारत में दिख रही है-विपक्षी दल

देश में बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था और किसानों की दुर्दशा को लेकर विपक्ष एक सामूहिक रणनीति के तहत संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के अंदर और बाहर मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगा. यह फैसला सोमवार को 13 राजनीतिक दलों ने अपनी साझा बैठक में लिया. इन दलों की दलील थी कि समय के अभाव में अन्य दलों के साथ समन्वय ना बैठा पाने के कारण कुछ दल बैठक में नहीं पहुंच सके नतीजा सरकार के खिलाफ छेड़े जाने वाले 'हल्ला बोल' की अंतिम रणनीति शीतकालीन सत्र के दौरान तय होगी.

बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने साफ किया कि सभी दलों की राय थी कि जब तक एक साझा रणनीति के तहत सरकार के खिलाफ हल्ला नहीं बोला जाता तब तक सरकार के कान में जू नहीं रेगेंगी. उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी, बद से बदत्तर होती अर्थव्यवस्था, मुक्त व्यापार समझौता जैसे मुद्दों को रेखांकित करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद से देश सबसे खराब दौर में गुजर रहा है. निजी निवेश नीचे जा रहा है, एनपीए आठ लाख करोड़ तक पहुंच गया है, बैंक घोटालों की संख्या बढ़कर 25 हजार हो चुकी है लेकिन मोदी सरकार राजस्व को निगलने के बाद अब आरबीआई के खजाने में डाका डालने में जुटी है. विश्व में जितने औसत बेरोजगारी है उससे दुगुनी बेरोजगारी भारत में दिख रही है. सरकारी आंकड़े हकीकत से दूर है.

कांग्रेस का आज से विरोध प्रदर्शन :

आजाद ने बताया कि आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और आरसीईपी पर बैठक में चर्चा हुई जिसमें निर्णय किया गया कि इन मुद्दों पर अगले महीने पूरा विपक्ष मिलकर सरकार को घेरेगा. कांग्रेस इन्हीं मुद्दों को लेकर मंगलवार से जिला एवं प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. अगले महीने वह दिल्ली में बड़ी रैली भी आयोजित करेगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

लोगों को गोलबंद होना पड़ेगा :

शरद यादव का कहना था कि देश के हालात इतने बिगड़ चुके है कि अब लोगों को गोलबंद होना पड़ेगा. हाल के हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में जनता ने जो जनादेश दिया उसमें इस बात के संकेत दे दिये है कि वह घर से बाहर निकलना चाहती है. अब नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता की भावना को समझे और देश भर में आंदोलन खड़ा करें.

13 दलों के नेता मौजूद रहे :

बैठक में 13 दलों के जो नेता मौजूद थे उनमें गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल के साथ ही कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, जेडीएस के डी.कुपेंद्र रेड्डी, एलजेडी के शरद यादव, डीएमके के टी.आर. बालू, आरजेडी के मनोज झा, टीएमसी के नदिमुल्ल हक, आरएलडी के अजित सिंह, सीपीआईएम के टी.के. रंगाराजन, माकपा के डी. राजा, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा, आईयूएमएन के पी.के. कुनहलकुट्टी, केसीएग के के. मनी और आरएसपी के शत्रुजीत सिंह (आरएसपी) के नाम शामिल है. समाजवादी पार्टी और बसपा इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

Web Title: Winter session 2019: Opposition will open 'Halla Bol' front against Modi government policies

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