आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे : खड़गे

By भाषा | Published: February 20, 2021 12:42 PM2021-02-20T12:42:21+5:302021-02-20T12:42:21+5:30

Will not compromise on issues affecting common people: Kharge | आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे : खड़गे

आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे : खड़गे

तिरुवनंतपुरम, 20 फरवरी राज्यसभा में नए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केवल विरोध के लिए सरकार का विरोध उनके काम करने का तरीका नहीं है लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल विरोध करने के लिए सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं।’’

नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनके काम करने के तरीके के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि हम आम आदमी को प्रभावित करने वाली सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खड़गे को इस हफ्ते नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

उन्होंने संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन के प्रति आगाह करते हुए उन्हें ‘सभी प्रक्रिया का उल्लंघन’ बता वापस लेने की मांग की।

खड़गे ने सरकार को सलाह दी कि वह इन विवादित कानूनों को वापस लेने के बाद नए प्रस्ताव के साथ आए और उसे विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजे।

केरल के कोल्लम में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा वरिष्ठ पार्टी नेता रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व में आयोजित ‘ऐश्वर्य केरल यात्रा’ को संबोधित करने खड़गे शुक्रवार को प्रदेश पहुंचे थे।

यह यात्रा इस साल संभवत: अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं तक पहुंचने के लिए आयोजित किया गया है।

गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले खड़गे ने कहा कि पार्टी नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें सदन के पटल पर गरीब लोगों के मुद्दों को रेखांकित’ करने को कहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम मुद्दे (संसद में) लोकप्रिय होने के लिए नहीं उठाते। हम गरीबों को प्रभावित करने वाले मुद्दे को उठाते हैं जिसपर बात होनी चाहिए।’’

राजनीति में करीब 50 साल से सक्रिय 78 वर्षीय खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा से प्रदर्शनकारी किसानों की आवाज सुनने एवं उनकी शिकायतों के समाधान का आह्वान किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे हैं और वे उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी प्रणाली समाप्त हो जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। सरकार किसानों और प्रमुख हितधारकों को कानून के लिए संतुष्ट करने में असफल हुई है और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए।’’

खड़गे ने केंद्र की इस मुद्दे पर आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सरकार अपने तंत्र का इस्तेमाल किसानों को ‘खालिस्तानी’ एवं ‘पाकिस्तानी’ बता कर उन्हें बांटने में कर रही है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को लाल किले में हुई घटना सरकार की साजिश के तहत हुई जिसके जरिये वह किसानों में विभाजन पैदा करना चाहती थी और ‘अपनी नाकामियों को छिपाना’ चाहती थी।

ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए खड़गे ने कहा कि यह आम लोगों के साथ ‘बड़ा अन्याय’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल की कीमतें अबतक के उच्चतम स्तर पर है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत न्यूनतम स्तर पर है।’’

खड़गे ने केरल की माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार से भी पेट्रोल एवं डीजल पर कर कम करने की मांग की ताकि लोगों को राहत दी जा सके।

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