सामुदायिक रसोई और प्रवासी कामगारों के परिवहन पर निर्देश देंगे : उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Published: May 13, 2021 01:45 PM2021-05-13T13:45:38+5:302021-05-13T13:45:38+5:30

Will direct directions on community kitchen and transport of migrant workers: Supreme Court | सामुदायिक रसोई और प्रवासी कामगारों के परिवहन पर निर्देश देंगे : उच्चतम न्यायालय

सामुदायिक रसोई और प्रवासी कामगारों के परिवहन पर निर्देश देंगे : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 13 मई उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले राज्यों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था और कोविड-19 वैश्विक महामारी की मौजूदा लहर के बीच घर लौटने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों के लिये परिवहन को सुविधाजनक बनाने के निर्देश पारित करने का इच्छुक है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से निजी बस संचालक अत्यधिक किराया नहीं वसूल करें और केंद्र को उन्हें परिवहन की सुविधा देने के लिए रेलवे को शामिल करने पर विचार करना चाहिए।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने तीन कार्यकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बातें कहीं जिसमें राज्यों और केंद्र को महामारी के बीच देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन की वजह से परेशानी झेल रहे प्रवासी मजदूरों के भोजन की सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण, परिवहन सुविधाएं और अन्य कल्याण उपाय सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा, “फिलहाल के लिए हम, सामुदायिक रसोई पर निर्देश पारित करने के इच्छुक हैं ताकि कोई भूखा न रहे और जो जाना चाहते हैं उनकी आवाजाही को भी सुविधाजनक बनाने पर निर्देश देंगे।” साथ ही कहा कि हम बृहस्पतिवार शाम तक आदेश पारित करेंगे।

पीठ ने कहा कि एनसीआर राज्यों - दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लिए वह कुछ निश्चित निर्देश जारी करेगा जबकि अन्य राज्यों के लिए वह याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उनके जवाब दायर करने को कहेगा।

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि वैश्विक महामारी की वजह से कई प्रवासी कामगार एक बार फिर परेशानी का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनकी नौकरियां चली गई और उनके पास अपना ख्याल रखने के लिए पैसा नहीं है।

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि देश वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और सभी राज्यों का प्रयास यह सुनिश्चित करने का है कि औद्योगिक एवं निर्माण गतिविधियां रुके नहीं।

उन्होंने पीठ से कहा, “इस साल, प्रत्येक राज्य का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि लॉकडाउन उस तरीके से न हो जैसा हमने पिछले साल देखा था। उद्योग काम कर रहे हैं और निर्माण गतिविधियां जारी हैं।”

मेहता ने पीठ को बताया कि राज्यों को पीठ के समक्ष हर ब्यौरा रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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Web Title: Will direct directions on community kitchen and transport of migrant workers: Supreme Court

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