विदेश सचिव ने एयर स्ट्राइक को क्यों बताया 'गैर मिलिट्री' कार्रवाई, इस बयान में दुनिया के लिए छिपा बड़ा संकेत

By संतोष ठाकुर | Published: February 27, 2019 08:14 AM2019-02-27T08:14:26+5:302019-02-27T09:52:11+5:30

जब विदेश सचिव विजय गोखले ने यह जानकारी साझा की तो उनका बयान न केवल नपा-तुला और सधा हुआ था बल्कि उसमें वैश्विक समुदाय के लिए एक बड़ा राजनयिक संदेश भी था. उनके बयान की हर पंक्ति एक संदेश दे रही थी.

Why the Foreign Secretary told the Air Strike 'non-military' action, message to the world | विदेश सचिव ने एयर स्ट्राइक को क्यों बताया 'गैर मिलिट्री' कार्रवाई, इस बयान में दुनिया के लिए छिपा बड़ा संकेत

विदेश सचिव ने एयर स्ट्राइक को क्यों बताया 'गैर मिलिट्री' कार्रवाई, इस बयान में दुनिया के लिए छिपा बड़ा संकेत

Highlightsविदेश सचिव विजय गोखले के बयान की हर पंक्ति एक संदेश दे रही थी.यह पाक के खिलाफ युद्ध नहीं है. यह आतंकी और आतंकी कैंपों के खिलाफ कार्रवाई है. अपने बयान में दुनिया के सामने पाक को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह आतंकी कैंप यहां पर 20 साल से था.

नई दिल्ली, 26 फरवरी: विदेश मंत्रालय ने सर्जिकल स्ट्राइक-2 के बाद सबसे पहले इसकी आधिकारिक जानकारी साझा की. सुबह 11:30 बजे मंगलवार को जब विदेश सचिव विजय गोखले ने यह जानकारी साझा की तो उनका बयान न केवल नपा-तुला और सधा हुआ था बल्कि उसमें वैश्विक समुदाय के लिए एक बड़ा राजनयिक संदेश भी था. उनके बयान की हर पंक्ति एक संदेश दे रही थी. इस बयान का साफ संकेत था कि वैश्विक समुदाय इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक के झांसों में नहीं आए.

उन्होंने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि यह पाक के खिलाफ युद्ध नहीं है. यह आतंकी और आतंकी कैंपों के खिलाफ कार्रवाई है. यह स्पष्ट करने से यह लाभ होगा कि पाक दुनिया को बरगलाने या उन्हें भारत के खिलाफ लामबंद करने की चेष्टा में कामयाब न होने पाए. अपने बयान में विदेश सचिव ने साफ किया कि यह गैर मिलिट्री कार्रवाई थी. यह कहकर उन्होंने साफ कर दिया कि यह युद्ध नहीं था. केवल पुलवामा के साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई थी.

इस बात को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि कार्रवाई जंगल के बीच वहां की गई जहां केवल आतंकी ट्रेनिंग कैंप और आतंकियों के ट्रेनर और आतंकी थे. किसी भी आम आदमी को इसमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया और ना ऐसा कोई इरादा था. एक संजीदा सधे हुए, परिपक्व राजनयिक होने का सबूत देते हुए उन्होंने अपने बयान में दुनिया के सामने पाक को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह आतंकी कैंप यहां पर 20 साल से था. हम पाक को लगातार इसे खत्म करने का अनुरोध कर रहे थे. लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की.

उन्होंने इसे युद्ध के हमले से अलग आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि यह पूर्वानुमान के आधार पर खुफिया सूचनाओं पर आधारित हमला था. वहां पर कई आत्मघाती आतंकी भारत पर हमले की तैयारी में थे. जिस पर कार्रवाई जरूरी थी. विदेश सचिव विजय गोखले ने दुनिया को यह भी बताया कि यह कार्रवाई पानी सिर से ऊपर जाने की वजह से की गई है. जैश-ए-मोहम्मद ने भारत की संसद पर हमले के साथ ही पठानकोट पर भी हमले को अंजाम दिया था.

इसको लेकर पाक को जब भी जानकारी दी गई और कार्रवाई के लिए कहा गया ते उसने हमेशा जैश के अपने यहां होने से इनकार किया. विदेश सचिव ने पाक पर वैश्विक दबाव बनाते हुए कहा कि पाक ने 2004 में आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की बात की थी. इस हमले के बाद प्रमाण दुनिया के सामने है कि वहां आतंकी कैंप है. ऐसे में पाक इन कैंपों पर कार्रवाई करे.

English summary :
The Ministry of External Affairs first shared the official information after the surgical strike-2.0 and in the breifing foreign secretary VK Gokhale termed this strikes by Indian Air Forces on a Jaish-e-Mohammed terrorist training camp located deep on Pakistani soil as ‘non-military preemptive action’. Here's why the Indian foreign secretary termed this surgical strike 2.0 as non-military action, a big message to the golbal community.


Web Title: Why the Foreign Secretary told the Air Strike 'non-military' action, message to the world

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