चिंता किसकी, किसी वीआईपी की या एक परिवार की? पूर्व पीएम सिंह की सुरक्षा बदली गई, तब भी किसी ने हल्ला नहीं कियाः शाह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 27, 2019 06:18 PM2019-11-27T18:18:26+5:302019-11-27T18:18:26+5:30

लोकसभा ने कांग्रेस के वाकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।

Who is worried, a VIP or a family? Security of former PM Singh was changed, even then no one made a noise: Shah | चिंता किसकी, किसी वीआईपी की या एक परिवार की? पूर्व पीएम सिंह की सुरक्षा बदली गई, तब भी किसी ने हल्ला नहीं कियाः शाह

शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है।

Highlightsगृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की? शाह ने कहा कि एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी एक्ट को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है।

लोकसभा ने एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा ने कांग्रेस के वाकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की? डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। चिंता करने के दो मापदंड आखिर क्या हैं? सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे, नरसिम्हा राव जी की सुरक्षा ले ली गई, कोई नहीं बोला, आई के गुजराज जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला।

शाह ने कहा कि एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी एक्ट को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है। ये वास्तविकता नहीं है। 2015 के बाद राहुल गांधी ने एसपीजी को बताए बिना भारत के अंदर 1892 बार और विदेशों में बिना एसपीजी को बताए करीब 247 बार यात्राएं की हैं।

शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है। सुरक्षा बदली गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।’’

कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा ‘‘ सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, लेकिन तब कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे। बाद में पी वी नरसिंह राव जी की सुरक्षा ले ली गई, तब भी कोई नहीं बोला। आई के गुजराल जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला।’’ उन्होंने कहा ‘‘डॉ मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। जबकि नरसिंह राव, मनमोहन सिंह तो कांग्रेस पार्टी के ही थे।’’

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने सवाल किया, ‘‘ चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की? ’’ उन्होंने कहा ‘‘इनको केवल एक परिवार की चिंता है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गांधी परिवार के एक भी सुरक्षाकर्मी की संख्या कम नहीं की गई है। ’’ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। 

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