कौन से अधिकारी बने हैं 'बोझ', सेवा रिकार्ड की समीक्षा कर पता लागाएगी सरकार

By भाषा | Published: April 26, 2019 03:18 PM2019-04-26T15:18:20+5:302019-04-26T15:18:20+5:30

कुल 1,143 अधिकारियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा अखिल भारतीय सेवा नियमावाली, 1958 के नियम संख्या 16(3) के अंतर्गत 2015 से 2018 की अवधि के दौरान किए गए कार्यों की होगी।

Which officers are 'burden', service records will be reviewed by the government | कौन से अधिकारी बने हैं 'बोझ', सेवा रिकार्ड की समीक्षा कर पता लागाएगी सरकार

कौन से अधिकारी बने हैं 'बोझ', सेवा रिकार्ड की समीक्षा कर पता लागाएगी सरकार

केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1,100 अधिकारियों के बीते चार सालों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा करके यह पता लगायेगी कि सरकार पर कौन से अधिकारी ’बोझ’ बने हुये हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कठोर मानकों के आधार पर ऐसे अधिकारियों की यह समीक्षा की जायेगी, जिन्होंने सेवा के 25 साल पूरे कर लिये हैं या फिर उनकी आयु 50 वर्ष से अधिक हो गई है। कुल 1,143 अधिकारियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा अखिल भारतीय सेवा नियमावाली, 1958 के नियम संख्या 16(3) के अंतर्गत 2015 से 2018 की अवधि के दौरान किए गए कार्यों की होगी। 

राज्य सरकारों से बातचीत करके अधिकारियों की होगी समीक्षा

नियमों के अनुसार केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके भाप्रसे अधिकारियों को लोकहित में सेवानिवृत्ति के लिए कह सकती है और इसके लिए लिखित में कम से कम तीन महीने का नोटिस देना होगा या फिर उसे तीन महीने की तनख्वाह और अन्य भत्ते देनें होंगे। उन्होंने कहा कि कुल 1,143 अधिकारियों में से, दो छत्तीसगढ़ कैडर के, एक एक अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित कैडर (एजीयूएमटी) और बिहार कैडर के अधिकारी को लोकहित में समय पूर्व सेवानिवृत्ति दे दी गई है। इन लोगों के नाम उजागर नहीं किये गए हैं।

इन राज्यों में 25 सालों से नहीं हुई है अधिकारियों की समीक्षा

देश का ‘इस्पात ढांचा’ कहे जाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्मिक मंत्रालय के अनुसार के 5,104 अधिकारी कार्यरत हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंध्रप्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड ने केंद्र के रिमांइडर भेजने के बावजूद अधिकारियों के 25 सालों की सेवा के रिकार्ड की गहन समीक्षा नहीं की है। उन्होंने कहा कि सही समय पर सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने से भ्रष्टाचार पर रोक लगती है और शासन पर बोझ कम होता है। 

Web Title: Which officers are 'burden', service records will be reviewed by the government

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