"वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे को 'भारत रत्न' कब मिलेगा", शिवसेना (यूबीटी) ने आडवाणी के ऐलान के बाद मोदी सरकार से किया सवाल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 4, 2024 07:57 AM2024-02-04T07:57:18+5:302024-02-04T08:09:06+5:30
शिवसेना (यूबीटी) ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए मोदी सरकार से पूछा कि महाराष्ट्र और हिंदुत्व के दो महान शख्सियतों वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे को कब मिलेगा भारत रत्न।
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) ने मोदी सरकार द्वारा पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा कि महाराष्ट्र और हिंदुत्व के दो महान शख्सियतों को भारत रत्न के सम्मान से कब सम्मानित किया जाएगा।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने मोदी सरकार से सवालिया लहजे में पूछा, "हमें अभी पता चला कि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह हम सबके लिए बहुत खुशी की बात है। उन्होंने हमेशा विनम्रता की राजनीति की और सभी को एक साथ लाने की कोशिश की। उन्होंने हिंदू धर्म और ध्वज को मजबूत करने का काम किया है लेकिन हमारा असल सवाल तो यह है कि वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे को जैसे मराठी मानुष को 'भारत रत्न' कब दिया जाएगा?"
उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ तो बीजेपी वीर सावरकर का यशगान करती है, और कहती है कि भाजपा सावरकर की विचारधारा पर चलती है। वो बाला साहेब ठाकरे के भी पोस्टर लगाते हैं और कहते हैं कि हम बाला साहेब ठाकरे की नीतियों का पालन करते हैं तो फिर इन दोनों महान शख्सियतों को आखिर अभी तक भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, "हमें दुख है कि इस सरकार के 10 साल हो गये लेकिन इन दोनों महान हस्तियों को अभी तक भारत रत्न नहीं दिया गया। हम इसकी मांग कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि क्या वो केवल चुनाव के दौरान ही उनके बारे में क्यों सोचते हैं? क्या आपके पास उन्हें ऐसा सम्मान देने का इरादा नहीं है?"
मालूम हो कि बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वंय सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ऐलान किया कि देश के उप प्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
इस घोषणा के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी प्रतिक्रिया में भाजपा कार्यकर्ताओं, आरएसएस स्वयंसेवकों और उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके लंबे सार्वजनिक जीवन में उनके साथ काम किया।
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, "मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ 'भारत रत्न' को स्वीकार करता हूं, जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है, जिनकी मैंने जीवन भर सेवा करने का प्रयास किया।"
उन्होंने कहा, "मैं 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बतौर स्वयंसेवक शामिल हुआ। मैंने केवल एक ही चीज़ में इनाम मांगा है कि जीवन ने मुझे जो भी कार्य सौंपा है, उसमें अपने प्यारे देश के लिए समर्पित और निस्वार्थ सेवा करना। जिस चीज़ ने मेरे जीवन को प्रेरित किया है वह है आदर्श वाक्य 'इदम-ना-मामा' - 'यह जीवन मेरा नहीं है, मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।"
96 साल के लालकृष्ण आडवाणी देश के उपप्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। भारत रत्न मिलने पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा विचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया।