"जो सबके लिए समान है, वही 'धर्म' है, वही मानवता है, वही 'सनातन धर्म' है", संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 29, 2023 09:18 AM2023-12-29T09:18:23+5:302023-12-29T09:21:39+5:30
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने असम के माजुली में कहा कि यह बेहद आवश्यक है कि हमारा समाज एकजुट हो क्योंकि तभी हम मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
माजुली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते गुरुवार को असम के माजुली में कहा कि हमारा देश एक है और यह जरूरी है कि हमारा समाज एक साथ मिलकर अपनी समस्याओं का समाधान निकाले।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने माजुली के उत्तरी कमला बारी सत्र में आयोजित "पूर्वोत्तर संत मणिकंचन सम्मेलन - 2023" में कहा, "हमारा देश एक है। यहां विभिन्न समुदाय हैं। लेकिन जिसे हम 'धर्म' कहते हैं, वह सभी के लिए समान है। यह मानवता है, यह 'सनातन धर्म' है।"
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मोहन भागवत ने आगे कहा, "यह आवश्यक है कि हमारा समाज एकजुट हो और एकजुट होकर ही हम अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "भारत की 'संस्कृति', जिसे 'एकम सत् विप्रा बहुधा वदन्ति' (सत्य एक है लेकिन बुद्धिजीवियों द्वारा इसे अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया जाता है) के माध्यम से प्रतिबिंबित होती है। यह सर्व-समावेशी परंपरा केवल भारत में मौजूद है।"
"पूर्वोत्तर संत मणिकंचन सम्मेलन - 2023" में असम के 48 सत्रों और पूरे पूर्वोत्तर राज्यों के 37 विभिन्न धार्मिक संस्थानों और संप्रदायों से जुड़े कुल 104 आध्यात्मिक नेता उपस्थित थे। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों और इसमें सक्रिय विभिन्न संप्रदायों के मुद्दों पर चर्चा की गई।
इससे पहले हरिद्वार के श्री हरिहर आश्रम में 'दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव' का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 'सनातन' ही शाश्वत है।
संघ प्रमुख भागवत ने कहा, "यह अटल सत्य है कि सनातन था, है और हमेशा रहेगा। हमारे पास जो बचा है, दरअसल वही सनातन है।"
उन्होंने कहा, "भारतीय परंपराओं में सभी 'संप्रदाय' व्यक्ति को 'शुद्ध' करते हैं। भारत में सभी संप्रदाय एक चीज की ओर ले जाते हैं, वे आपको शुद्ध करते हैं। हमें उन तक पहुंचना होगा। ऐसे बहुत से हिंदू हैं, जिन तक हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। हमारा कोई आंदोलन नहीं होगा।"
भागवत ने कहा,"हम ऐसा समूह नहीं हैं, जो हिंदू समाज में बहुत शक्तिशाली है लेकिन बावजूद उसके हमारा समूह पूरे हिंदू समाज को संगठित और विस्तारित करेगा। हमें हर जगह जाना होगा और सभी तक पहुंचना होगा। कुछ चीजों पर कोई सहमत हो सकता है और कुछ पर असहमत हो सकता है। लेकिन हमें सभी को जोड़ना होगा।''