कर्नाटकः जानिए क्या है 'ऑपरेशन लोटस' जिससे साफ होगा बीजेपी के सरकार बनाने का रास्ता!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 6, 2019 02:49 PM2019-07-06T14:49:14+5:302019-07-06T14:49:14+5:30
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की कुमारस्वामी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। सत्ताधारी पार्टियों के कई विधायक इस्तीफा देने पहुंचे हैं। तो क्या सफल हो गया बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस'?
कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायकों के इस्तीफे की आशंका है। बीजेपी के बहुमत का रास्ता साफ होने के लिए करीब 16 विधायकों के इस्तीफे की जरूरत है। ऐसे में माना जा रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस' सफल हो गया है।
क्या है ऑपरेशन लोटस?
साल 2019 के शुरुआती दिनों की बात है। कांग्रेस पार्टी के तीन विधायक लापता हो गए थे। उस वक्त कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के. शिवकुमार ने कहा था कि राज्य की गठबंधन सरकार को गिराने के लिए भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ वास्तव में चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में भाजपा के कुछ नेताओं के साथ डेरा डाले हुए है। उन्होंने कहा था कि राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त जारी है।
गौरतलब है कि 2008 में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा नीत सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भाजपा द्वारा कई विपक्षी विधायकों को कथित प्रलोभन दिए जाने को ‘ऑपरेशन लोटस’ के नाम से जाना जाता है।
बहुमत का मौजूदा गणित
कर्नाटक विधानसभा में 224 सदस्य हैं। किसी भी सरकार को बहुमत के लिए 113 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। फिलहाल कांग्रेस और जेडी(एस) के पास कुल मिलाकर 116 विधायक हैं। इसके अलावा एक बीएसपी विधायक का समर्थन भी सरकार को मिला हुआ है। इस प्रकार सरकार के पास बहुमत से चार विधायक ज्यादा हैं। दूसरी तरफ बीजेपी के पास 104 विधायक हैं। इसके अलावा दो निर्दलीय और एक केपीजेपी का विधायक है।
सरकार बनाने के लिए बीजेपी की योजना
कर्नाटक में बीजेपी की योजना है कि विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा गिराकर ही 207 कर दिया जाए। इसके लिए सत्ताधारी पार्टी के 16 विधायकों को इस्तीफे देने होंगे। 207 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 104 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लेगी। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल हो सकता है।