कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में भाजपा की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल की स्थिति रूस-यूक्रेन के युद्ध की तरह हो गई है अगर केंद्र ने यहां केंद्रीय बलों को नहीं भेजा तो रक्तपात हो जाएगा।
अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग कर डाली और बंगाल में हुई हिंसा को टीएमसी की अगुवाई में किया गया कृत्य बताया। भाजपा नेता का ये बयान बीते बुधवार को आया जब राज्य में हिंसा की घटनाएं देखी गई।
दरअसल, राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान राज्य में हुई कथित हिंसा की घटनाओं से जुड़ा है जहां कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट की जा रही है।
एएनआई के हवाले से अग्निमित्रा पॉल ने कहा, "हमें नामांकन के लिए सिर्फ 5-6 दिन मिले थे। किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ इस पर चर्चा नहीं की गई थी। हम जानते हैं कि किसकी सलाह पर दूसरों से परामर्श किए बिना पंचायत चुनाव घोषित किए गए थे।"
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उस दिन से हम देख रहे हैं कि भाजपा और अन्य दलों के कार्यकर्ताओं को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। डायमंड हार्बर, जॉयनगर, कैनिंग, काकद्वीप, बर्धमान में भाजपा नेताओं को लोहे की छड़ों से बेरहमी से पीटा जा रहा है। हम बम विस्फोट होते देख रहे हैं।
क्या यह रूस-यूक्रेन है? क्या हम युद्ध लड़ रहे हैं? भाजपा के राज्य महासचिव नेता ने राज्य में 'अराजकता' को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। अब हम समझ सकते हैं कि राज्य से पिछले 6-8 महीनों में इतने गोला-बारूद की खोज क्यों की गई इस दिन के लिए।
उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी के कंट्रोल में पुलिस प्रशासन है ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि या तो पुलिस उनकी बात नहीं सुन रही है या वह कुछ एक्शन लेने का आदेश ही नहीं दे रही हैं। अगर राज्य में सेना नहीं आएगी तो यहां खूनखराबा होगा।
भाजपा नेता ने केंद्रीय चुनाव आयोग से अनुरोध करते हुए कहा कि यहां केंद्रीय बलों को भेजे नहीं तो विपक्षी दलों के नेताओं की मौत हो जाएगी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 8 जुलाई को एक ही चरण में होंगे, जिसकी मतगणना 11 जुलाई को होनी है।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने की संभावना है, जिसे अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले दोनों पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।