बीरभूम: पिछले साल 5 नवंबर को पश्चिम बंगाल के बांकुरा में 48 वर्षीय आदिवासी बिभीषण हंसदा के घर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लंच किया था, अब हंसदा ने भाजपा पर डायबिटीज से पीड़ित अपनी बेटी के इलाज के वादे को तोड़ने का आरोप लगाया है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एक गरीब किसान हंसदा ने आरोप लगाया है कि उनकी 18 वर्षीय बेटी रचना को भाजपा से चार महीने पहले तक तो मदद मिली लेकिन उसके बाद से कोई मदद नहीं मिली और अब उन्हें दवाईयां खरीदनी पड़ रही हैं.
प्रतिमाह 10 हजार रुपये कमाने का दावा करने वाले हंसदा की बेटी की हर महीने की दवा की कीमत पांच हजार रुपये है.
हंसदा ने भाजपा नेताओं पर उनकी बेटी को इलाज के लिए एम्स ले जाने का वादा तोड़ने का भी आरोप लगाया है.
हालांकि, हंसदा की मदद के लिए लगाए गए बांकुरा से भाजपा सांसद और अब केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि महामारी के कारण एम्स नहीं ले जाया सका.
उन्होंने कहा कि हमने एक दवा की दुकान को दवा देने के लिए कहा था और हो सकता है उन्होंने दवा ली ही न हो. हम हमेशा परिवार के साथ हैं.
वहीं, इस मामले में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए टीएमसी नेता श्यामल संत्रा ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मेजबान को ही भूल गए.
बता दें कि, इस साल हुए विधानसभा चुनावों से पहले आदिवासियों तक पहुंचने के कार्यक्रम स्थानीय भाजपा नेताओं ने पिछले साल बांकुरा के चतुरदीही गांव में हंसदा के घर केंद्रीय गृहमंत्री का लंच तय किया था.
हंसदा ने यह भी आरोप लगाया है कि बेटी के इलाज में मदद के उन्हें शाह से बात करने का मौका नहीं मिला था. इसके बाद उनकी मदद के लिए बांकुरा से भाजपा सांसद और अब केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री को लगाया गया था.