Weather Update: 31 जुलाई तक उत्तराखंड के इन इलाकों में हो सकती है भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
By आजाद खान | Published: July 29, 2022 07:22 AM2022-07-29T07:22:16+5:302022-07-29T07:40:02+5:30
Weather Update: मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल जिलों में तेज वर्षा होने की संभावना जताई है।
Uttarakhand Weather Update: मौसम केंद्र देहरादून (Mausam Kendra Dehradun) ने 31 जुलाई तक उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
इस कारण कई इलाकों में येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। यही नहीं मौसम विभाग द्वारा भूस्खलन और यातायात बाधित होने की भी चेतावनी दी गई है। इसके अलावा कई ऐसी नदियां भी है जिनका जलस्तर पहले से बढ़ा हुआ है जो किसी भी वक्त खतरा बन सकती है।
इन इलाकों में यलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बारिश के चलते यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को हरादून, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल में बताई गई है कि यहां तेज बारिश हो सकती है, इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
Uttarakhand | Heavy rain alert has been issued in Bageshwar, Champawat and Udham Singh Nagar districts for today, and in Dehradun for tomorrow. There is a yellow alert of heavy rain for Nainital: Meteorological Department
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 28, 2022
बताया जा रहा है कि 30 जुलाई को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है। वहीं 31 जुलाई तक देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल जिलों में तेज वर्षा होनी है जिसके लिए लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
राज्य के प्रमुख नदियों में कितना है जलस्तर
अलकनंदा- 954.80 मीटर (खतरे का स्तर- 957.42 मीटर)
नंदाकिनी- 868.30 मीटर (खतरे का स्तर 871.50 मीटर)
पिंडर- 769.60 मीटर (खतरे का स्तर 773.00 मीटर)
चमोली में हुई 41.6 मिमी बारिश
कई जगहों पर हो सकती है भूस्खलन
तेज बारिश के कारण राज्य के कई इलाकों में भूस्खलन और चट्टान गिरने की भी मामले सामने आ सकते है। इससे कहीं-कहीं सड़कें और राजमार्गों पर भारी असर पड़ सकता है।
इन सब के अलावा कई नदियां ऐसी है जो अपने जलस्तर से काफी ऊपर बह रही है। ऐसे में इन नदियों से सतर्क रहने को कहा गया है। बारिश के निचले इलाकों में जलजमाव भी हो सकता है।