नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों के नाम एक वीडियो जारी कर कहा कि हमें एक बार फिर एकजुटता दिखानी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि पांच अप्रैल को रविवार की रात घर में अंधेरा कर अपनी-अपनी बॉल्कनी या दरवाजों पर दीया जलाएं। पीएम के इस संदेश पर तमाम नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इस क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि हम दीया तो जलाएंगे, लेकिन जवाब में प्रधानमंत्री को अर्थशास्त्रियों की बात भी सुन लेनी चाहिए।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ''हम आपकी बात सुनेंगे और पांच अप्रैल को दीया जलाएंगे। लेकिन इसके बदले में आप भी अर्थशास्त्रियों की बात सुनें। हमें उम्मीद थी कि आप आज गरीबों के लिए एक पैकेज का ऐलान करते, जिन्हें निर्मला सीतारमण अपने भाषण में भूल गई थीं।''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो संदेश को निराशाजनक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रतीकात्मक चीजे महत्वपूर्ण हैं लेकिन विशेषज्ञों एवं अर्थशास्त्रियों की विवेकपूर्ण सलाह को सुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कामकाजी वर्ग, कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर निराश हुए जो आर्थिक विकास के लिए कुछ कदमों की उम्मीद लगाए हुए थे।
उन्होंने कहा, '' प्रतीकात्मकता महत्वपूर्ण है, लेकिन विचारों एवं कदमों को लेकर गंभीरता से सोचना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।'' कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, '' हमने ''प्रधान शोमैन'' को सुना। लोगों की पीड़ा, उनके बोझ और उनकी वित्तीय मुश्किलों को कम करने के लिए कुछ नहीं कहा गया। भविष्य को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं रखा गया। यह भारत के ''फ़ोटो-अप'' प्रधानमंत्री द्वारा पैदा किया एक ''फील गुड'' क्षण है।''