Water Shortage: भीषण गर्मी के बीच यहां पर 15 दिन के अंतराल में होती पानी की सप्लाई, मराठवाड़ा के केवल 7 कस्बों को ही मिल रही हर रोज पूरा पानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 26, 2022 02:54 PM2022-05-26T14:54:59+5:302022-05-26T15:00:50+5:30
आपको बता दें जालना के बदनापुर कस्बे को केवल 15 दिन में एक बार ही पानी की सप्लाई की जाती है। इस कस्बे की हालात सबसे खराब है।
औरंगाबाद: औरंगाबाद संभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में 76 शहरी केंद्रों में से केवल सात को ही प्रतिदिन जलापूर्ति होती है। ये आंकड़ें राज्य के मध्य भाग में शुष्क क्षेत्र में पानी की गंभीर कमी को उजागर करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यहां दो जलापूर्तियों के बीच का अंतर एक दिन से लेकर 15 दिनों तक का है। जालना जिले के बदनापुर कस्बे में जलापूर्ती में सबसे ज्यादा अंतराल है, जो 15 दिन का है। रिपोर्ट में जिन 76 शहरी केंद्रों (घनी आबादी वाले इलाके) का जिक्र है उनमें या तो नगरपालिका परिषद है या नगर पंचायत है।
इन 7 कस्बे को ही केवल होती है रोज जलापूर्ति
रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में तहसील स्तर के केवल सात कस्बे हैं, जहां निवासियों को प्रतिदिन जलापूर्ति होती है, इनमें से छह - कुंडलवाड़ी, किनवट, धर्माबाद, बिलोली, अर्धपुर और हिमायतनगर नांदेड़ जिले में हैं । सातवां कस्बा औरंगाबाद जिले का पैठण है, जो गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
लातूर जिला, जिसे 2016 में रेल के जरिए पानी मुहैया कराया गया था वहां कोई भी ऐसा कस्बा नहीं है जहां प्रतिदिन पानी आता हो। लातूर जिले में नीलांगा में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति हो रही है।
यहां हो रही है 15,11 और 10 दिन के गैप में जलापूर्ति
रिपोर्ट में कहा गया है कि लातूर जिले के अन्य आठ कस्बों में दो बार जलापूर्ति के बीच का अंतर तीन से 10 दिनों का है। रिपोर्ट के मुताबिक, जालना के बदनापुर की स्थिति सबसे विकट है, क्योंकि इसे 15 दिनों में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है। औसा (लातूर में) में 11 दिनों में , देवनी (लातूर) में 10 दिनों में पानी की आपूर्ति हो रही है।
'जलाक्रोश' मोर्चे के जरिए भाजपा ने पानी के मुद्दे को उठाया
इस सप्ताह की शुरुआत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पानी की कमी के मुद्दे पर औरंगाबाद (जहां निवासियों को सप्ताह में एक बार जलापूर्ति हो रही है) में 'जलाक्रोश' मोर्चे निकाला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस और दो केंद्रीय मंत्रियों ने इसमें हिस्सा लिया था। रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर जल विशेषज्ञ प्रदीप पुरंदरे ने नेताओं को और तेजी से हो रहे शहरीकरण को मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है।