कोलकाताः पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव है। 6 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी तो तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा ने भागवान राम पर बड़ा बयान देकर माहौल गर्म कर दिया। मदन मित्रा ने कहा कि भगवान राम हिन्दू नहीं मुस्लिम थे। इस बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया है। हालांकि भाजपा के उस आरोप का खंडन किया जिसमें उन पर 'जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान' करने का आरोप लगाया गया था।
मित्रा ने कहा कि भाजपा के प्रदीप भंडारी द्वारा X पर साझा किया गया विवादित वीडियो पिछले साल एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए उनके भाषण का संपादित संस्करण है। मित्रा ने आज शाम कहा, "यह एक पुराना वीडियो है... 2024 का है। उन्होंने इसे संपादित करके अब (अगले साल की शुरुआत में बंगाल चुनाव से पहले) प्रकाशित किया है।"
उन्होंने भाजपा पर वीडियो संपादित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे पूरा वीडियो नहीं दिखा रहे हैं। अगर वे इसे प्रकाशित करेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। इससे पहले भंडारी ने अपने X अकाउंट पर 35 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया है। मित्रा जो 2011 में अपनी जीत तक वामपंथी गढ़ माने जाने वाले कमरहटी से दो बार विधायक रह चुके हैं।
मित्रा ने कहा था, 'राम मुसलमान हैं... हिंदू नहीं।' भंडारी ने कहा, "तृणमूल पार्टी का यही हाल हो गया है... रोज़ाना हिंदू मान्यताओं पर हमले, हिंदू धर्म का मज़ाक उड़ाना और बंगाली लोगों की परंपराओं का उपहास करना। वोट बैंक को खुश करने के लिए घटिया उकसावे वाली कार्रवाई... यही (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी की एकमात्र प्राथमिकता है।"
"ऐसे बयान सिर्फ अज्ञानता से नहीं आते... बल्कि राजनीतिक संरक्षण से आते हैं। जब ममता बनर्जी चुप रहना चुनती हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इस अपमान को उनकी स्वीकृति प्राप्त है।" चुनाव से पहले तृणमूल और भाजपा एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं।
बंगाल की मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) और संसद के अंदर तृणमूल के सांसदों द्वारा धूम्रपान या ई-सिगरेट पीने को लेकर दोनों पार्टियां पहले ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर चुकी हैं। इस महीने फुटबॉल स्टार लियोनेल मेस्सी की कोलकाता यात्रा के दौरान मची अराजकता को लेकर तृणमूल पार्टी भी आलोचनाओं के घेरे में है।