Vodafone Idea के 2 करोड़ पोस्टपेड ग्राहकों का डेटा हुआ लीक, जानें कंपनी ने क्या कहा...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 29, 2022 09:50 AM2022-08-29T09:50:23+5:302022-08-29T09:54:39+5:30
वोडाफोन आइडिया ने करीब 2 करोड़ पोस्टपेड ग्राहकों के कॉल डेटा रिकॉर्ड के सार्वजनिक होने की खबर पर बोलते हुए कहा है, ‘‘कंपनी के पास मजबूत आईटी सुरक्षा ढांचा है जिससे हमारे ग्राहकों का डेटा सुरक्षित रहता है।’’
नई दिल्ली: साइबर सुरक्षा शोध कंपनी साइबरएक्स9 ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया की प्रणाली में मौजूद खामियों के चलते लगभग दो करोड़ पोस्टपेड ग्राहकों का कॉल डेटा रिकॉर्ड सार्वजनिक हो गया है।
हालांकि कंपनी ने इससे इनकार करते हुए कहा कि डेटा में कोई सेंधमारी नहीं हुई है। कंपनी के मुताबिक, उसकी बिल प्रणाली में मौजूद खामियों के बारे में पता चलते ही उन्हें दुरुस्त कर दिया गया था।
2 करोड़ कॉल डेटा रिकॉर्ड हुए सार्वजनिक
इससे पहले, साइबरएक्स9 की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रणालीगत खामियों की वजह से वोडाफोन आइडिया के करीब दो करोड़ पोस्टपेड ग्राहकों के कॉल डेटा रिकॉर्ड सामने आ गए। इसमें कॉल करने का वक्त, कॉल की अवधि, किस स्थान से कॉल किया गया, ग्राहक का पूरा नाम और पता, एसएमएस विवरण समेत वे कॉन्टेक्ट नंबर भी सामने आ गए जिन पर संदेश भेजे गए थे।
साइबरएक्स9 के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि कंपनी ने इस बारे में वोडाफोन आइडिया को जानकारी दी थी और कंपनी के एक अधिकारी ने 24 अगस्त को ऐसी समस्या को स्वीकार भी किया था।
कॉल डेटा रिकॉर्ड लीक पर क्या बोला वोडोफोन आइडिया
इस पर वोडोफोन आइडिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘रिपोर्ट में डेटा में सेंध की बात कही गई है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह रिपोर्ट गलत और दुर्भावनापूर्ण है। कंपनी के पास मजबूत आईटी सुरक्षा ढांचा है जिससे हमारे ग्राहकों का डेटा सुरक्षित रहता है।’’
मामले में आगे बोलते हुए कंपनी ने कहा, ‘‘हम नियमित रूप से जांच करते हैं और अपने सुरक्षा प्रारूप को और मजबूत करते हैं। बिल भेजने में संभावित खामी का पता लगा था और उसमें तुरंत सुधार किया गया। कोई डेटा सेंधमारी का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक विश्लेषण भी किया गया।’’
आपराधिक हैकरों द्वारा डेटा चुराने का भी शक
हालांकि साइबरएक्स9 का कहना है कि कंपनी ने लाखों ग्राहकों का कम-से-कम दो वर्ष का कॉल डेटा तथा अन्य संवेदनशील डेटा सार्वजनिक कर दिया और कई आपराधिक हैकरों ने उस डेटा को चुरा लिया होगा। साइबरएक्स9 ने फॉरेंसिक ऑडिट करवाने और डेटा में कोई सेंध नहीं लगने के दावे को गलत बताया है।