75 अरब रुपये में S-400 मिसाइल खरीदने जा रहा है भारत, इसी सप्ताह पुतिन करेंगे सौदे पर दस्तखत
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 3, 2018 09:14 AM2018-10-03T09:14:15+5:302018-10-03T11:34:30+5:30
एस-400 मिसाइलों के सौदे को लेकर अमेरिका चिढ़ा हुआ है। अमेरिका ने धमकी दी है कि अगर भारत ने यह खरीदा तो रिश्तों में खटास आएगी।
मॉस्को, 3 अक्टूबर: फ्रांस के साथ राफेल विमानों के सौदे में हुई भारी किरकिरी के बाद अब भारत रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए 75 अरब रुपये का सौदा करने जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन इसी सप्ताह भारत की यात्रा पर आएंगे। उनकी यात्रा का सबसे अहम मकदस एस-400 मिसाइलों के सौदे पर अंतिम मुहर लगाना है। उल्लेखनीय है कि यही वो सौदा है जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चिढ़े हुए हैं।
सामाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मौजूदगी में भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए इस सप्ताह पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव मास्को में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के इसकी जानकारी दी।
पुतिन की भारत यात्रा से पहले उनके एक सहयोगी युरी उशाकोव ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति चार अक्टूबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं।’’
लंबी दूरी के लक्ष्यों को तबाह करने में सक्षम है ये मिसाइल
युरी उशाकोव ने कहा, ‘‘इस यात्रा की मुख्य विशेषता एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत करना होगा। करार पांच अरब डॉलर से ज्यादा का होगा।’’ भारतीय रुपये में मांपे तो यह राशि 75 करोड़ से भी ज्यादा का होगा।
मॉस्को लंबी दूरी की सतह से हवा में प्रहार करने वाली एस-400 मिसाइलों की बिक्री के लिए कई महीने से भारत से बातचीत कर रहा है। यह मिसाइल हमवा में ही दुश्मन पर निशाना लगा कर हवा में ही उसे तबाह करने की क्षमता रखता है।
बुरी तरह से चिढ़ा अमेरिका, रिश्तों में आएगी खटास
इस सौदे से सबसे ज्यादा परेशानी अमेरिका को हो रही है। अगस्त महीने में ही अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत को ये मिसाइलें खरीदने को लेकर धमकी दी थी। अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि अगर भारत ने एस-400 खरीदे तो भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते खराब हो सकते हैं।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे तौर पर भारत के तौर-तरीकों का विरोध किया। असल में भारत ने इस मिसाइल की खरीद को लेकर अमेरिका की नाराजगी मिटाने के लिए उनसे विशेष छूट की मांग की थी और हिमायती होने के नाते रिश्ते खराब ना करने की बात कही थी। लेकिन ट्रंप ने इसे बहलाने की कोशिश बताकर इसका विरोध कर दिया था।