विश्व हिंदू परिषद ने कहा, 'अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिये नहीं जुटाया जा रहा है चंदा'
By भाषा | Published: November 17, 2019 07:17 PM2019-11-17T19:17:34+5:302019-11-17T19:17:34+5:30
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने गत नौ नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुये राम जन्मभूमि के नाम पर विवादित 2.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व का अधिकार हिंदू पक्षकारों को दिया था।
विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) ने उच्चतम न्यायालय के हाल ही के फैसले से अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद इस कार्य के लिये चंदा जुटाने की कवायद शुरु करने से इंकार करते हुये रविवार को स्पष्ट किया कि संगठन द्वारा ऐसे किसी मकसद से कोई धन एकत्र नहीं किया जा रहा है।
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि संगठन के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने इस बाबत एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि विहिप या श्रीराम जन्मभूमि न्यास द्वारा अयोध्या में मंदिर निर्माण के मकसद से धन संग्रह का कोई आह्वान नहीं किया गया है।
बयान के अनुसार, ‘‘विहिप या न्यास ने 1989 के बाद से आज तक श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए सार्वजनिक रूप से ना तो कोई धन संग्रह किया है और ना ही इसके लिये अभी तक कोई आह्वान किया है।’’ बंसल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद विभिन्न संगठनों द्वारा मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा जुटाने की विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिलने के बाद विहिप ने इस बारे में किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिये स्पष्टीकरण जारी किया है, जिससे लोग मंदिर निर्माण के नाम पर गैरकानूनी तौर पर चंदा जुटाने की कोशिशों के शिकार न बनें।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने गत नौ नवंबर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुये राम जन्मभूमि के नाम पर विवादित 2.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व का अधिकार हिंदू पक्षकारों को दिया था।
शीर्ष अदालत ने राम मंदिर के निर्माण के वास्ते एक न्यास बनाकर मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद बनाने के लिये अयोध्या में वैकल्पिक स्थल पर पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था। न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर निर्माण के लिये चंदा जुटाने संबंधी मीडिया में आई खबरों के आधार पर विहिप ने स्पष्ट किया कि श्री राम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण हेतु विहिप और श्रीराम जन्मभूमि न्यास, दोनों की ओर से किसी प्रकार का धन संग्रह नहीं किया जा रहा है।’’