नासा ने शुक्रवार एक चंद्रयान-2 के लैंडर की साइट की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए आशंका जताई है कि विक्रम लैंडर की संभवत चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। नासा के मुताबिक उसके लूनर रिकॉनेसेंस ऑर्बिटर कैमरा (LROC) ने भारत के चंद्रयान-2 मिशन के लिए बेहद जरूरी रहे चांद के उस साइट की तस्वीरें ली हैं जहां विक्रम लैंडर को उतरना था। हालांकि, आखिरी मिनटों में संपर्क टूटने के कारण भारत का यह प्रयास असफल हो गया था।
भारत के चंद्रयान-2 मिशन के तहत 7 सितंबर को लैंडर विक्रम को चांद के सतह पर लैंड करना था। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था। नासा की ओर से जारी बयान के अनुसार चंद्रमा की सतह पर लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई, यह करीब-करीब स्पष्ट है। हालांकि, नासा को लैंडर की तस्वीरें नहीं मिली हैं। ऐसे में सही लोकेशन का भी पता नहीं चल सका है। नासा के अनुसार उसका ऑर्बिटर एक बार फिर 14 अक्टूबर में विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट के करीब से गुजरेगा और उस समय वहां प्रकाश होगा। ऐसे में बेहतर तस्वीरें मिल सकेंगी।
नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान उस जगह की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिग के जरिए उतरने का प्रयास किया था लेकिन एलआरओसी की टीम लैंडर के स्थान या उसकी तस्वीर का पता नहीं लगा पाई।