कोल्लम (केरल), 25 मार्च प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव कार्यक्रम को केंद्र की तरफ से कुछ मुद्दों को लेकर लाल झंडी दिखाए जाने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा इन्हें टाले जाने के फैसले पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कड़ी आपत्ति जताई।
राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चुनाव को टालने के निर्वाचन आयोग के फैसले के एक दिन बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आई।
इन तीन सीटों पर फिलहाल आईयूएमएल के अब्दुल वहाब, माकपा के केके राजेश और कांग्रेस के वायलार रवि काबिज हैं। ये तीनों राज्यसभा सदस्य 21 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इन सीटों के लिये चुनाव 12 अप्रैल को होने थे और अधिसूचना बुधवार को जारी होनी थी।
विजयन ने कहा, “निर्वाचन आयोग ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन अचानक इसे रोक दिया गया। इस तरह के फैसले को सिर्फ देश के लोकतंत्र और संविधान पर हमले के तौर पर देखा जा सकता है।”
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उसे चुनाव निकाय के मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 में कहा गया है कि संसद, राज्य विधानसभा, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव कराने के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की शक्ति निर्वाचन आयोग में निहित हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “…यह कहा गया है कि विधि मंत्रालय के निर्देश के अनुपालन में चुनाव को टाला गया है।”
इस कदम को अनुच्छेद 324 का उल्लंघन करार देते हुए विजयन ने इस फैसले के पीछे का कारण जानना चाहा।
मामले के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि विधि मंत्रालय ने केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों को निर्दिष्ट किया और पूछा कि क्या वैधानिक रूप से यह कवायद संभव है जहां निवर्तमान विधानसभा के सदस्य राज्यसभा के सदस्यों के लिये मतदान कर सकें।
केरल में विधानसभा चुनाव छह अप्रैल को होने हैं जबकि दो मई को मतगणना होगी।
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